दिल्ली को मिले 1348 करोड़, पिछले साल से 100 करोड़ रुपये ज्यादा; जानें BJP और AAP की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने इस बार दिल्ली के बजट में वृद्धि की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजटीय अनुमानों से 180 करोड़ व संशोधित बजट से 100 करोड़ रुपये ज्यादा हैं। अतिरिक्त आवंटन चंद्रावल जल शोधन संयंत्र के लिए बतौर अतिरिक्त केंद्रीय सहायता और पूंजीगत विकास योजना देने का प्रस्ताव है। केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट में दिल्ली सरकार को कुल 1348 करोड़ रुपये दिए हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजटीय अनुमानों के अनुसार दिल्ली को 1168.1 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव था। वहीं, संशोधित बजट में यह राशि 1248.01 कर दी गई। दूसरी तरफ 2025-26 के बजटीय अनुमानों में दिल्ली को 1348.01 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव है। दिल्ली को अलग-अलग चार मदों में पैसा दिया गया है। इसमें सिख दंगा प्रभावितों के मुआवजे के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल की तरह 2 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वहीं, केंद्रीय सहायता के रूप में दिल्ली सरकार को बीते साल की तरह 951 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
आपदा से बचाव और प्रबंधन के लिए 15 करोड़ रुपये मिले हैं। इन मदों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इस बार के बजट में इजाफा अतिरिक्त केंद्रीय सहायता और पूंजीगत विकास के मद में हुआ है। पिछले साल के बजटीय अनुमानों की तुलना में इस बार इस मद में 180 करोड़ रुपये बढ़ाए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस मद में 200 करोड़ रुपये दिए गए थे। संशोधित बजट में इसे बढ़ाकर 280 करोड़ रुपये कर दिया गया। इसी कड़ी में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस मद में 380 करोड़ रुपये का प्रावधान गया है।
दिल्ली के लिए अलग से कोई घोषणा नहीं
बजट में दिल्ली के लिए केंद्र सरकार ने अलग से कोई घोषणा नहीं की है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से इस बारे में चुनाव आयोग का निर्देश भी था। इसी वजह से बजट में किसी तरह की कोई नई योजना या बुनियादी ढांचे से जुड़ा प्रोजेक्ट शामिल नहीं किया गया।
आप ने बताया निराशाजनक, भाजपा ने विकासोन्मुखी
आयकर में छूट लेकर आया है
बजट समाज के हर वर्ग के लिए नए विजन के साथ ही आयकर में छूट लेकर आया है जो युवा को देश में ही रहकर अमेरिका, कनाडा से बेहतर विकास के अवसर देगा। आयकर में टैक्स राहत का दायरा 12 लाख तक बढ़ाकर केंद्र सरकार ने मल्टी नेशनल कंपनियों में कार्यरत युवाओं के साथ ही मध्य वर्ग के जीवन परिवर्तन के सपनों को नए पंख दिए हैं। बजट मध्य वर्ग को बचत बढ़ाने के साथ ही उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद के साधन भी देगा। – वीरेंद्र सचेदवा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
आशाओं की पूर्ति करने वाला बजट
वित्तमंत्री ने विकासोन्मुखी बजट पेश किया है। हर माह एक लाख रुपये कमाने वाले को टैक्स नहीं चुकाना होगा। 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों को राहत देते हुए भी ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख कर दी गई है। स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी घटना का वादा किया गया है, इसलिए यह बजट विकास को बढ़ाने, मध्य वर्ग को राहत देने के साथ-साथ किसानों, युवाओं, महिलाओं और उद्यमियों की आशाओं की पूर्ति करने वाला बजट है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बल मिलेगा। – रामवीर सिंह बिधूड़ी, भाजपा सांसद
‘दुख है कि ये नहीं किया गया’
देश के खजाने का एक बड़ा हिस्सा चंद अमीर अरबपतियों के कर्जे माफ करने में चला जाता है। मैंने मांग की थी कि बजट में ये एलान किया जाए कि आगे से किसी अरबपति के कर्ज माफ नहीं किए जाएंगे। इससे बचने वाले पैसे से मध्य वर्ग के होम लोन और वाहन लोन में छूट दी जाएगी। किसानों के कर्जे माफ किए जाएं। साथ ही आयकर सीमा बढ़ाई जाए और जीएसटी की दरें आधी की जाए। दुख है कि ये नहीं किया गया है। – अरविंद केजरीवाल, आप के राष्ट्रीय संयोजक व पूर्व मुख्यमंत्री
‘चंद पूंजीपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए है’
सरकार ने 12 लाख की आय वालों को टैक्स में छूट दी, लेकिन छोटे-मोटे व्यापारियों को इससे बाहर कर दिया। उन्हें कैसे राहत दी जाएगी? किसानों की फसल का दाम दोगुना करने की बात कही गई थी, लेकिन बजट में कोई जिक्र नहीं किया गया। इन्होंने देश के नौजवानों को साल में 2 करोड़ नौकरियां देने की बात कही थी, बजट में उसका कहीं जिक्र नहीं किया गया। कुल मिलाकर यह बजट भी अपने चंद पूंजीपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए है। – संजय सिंह, आप सांसद
देश की लगभग 30 फीसदी आबादी मिडिल क्लास है, लेकिन सिर्फ 2 फीसदी यानी लगभग 3 करोड़ लोग ही इनकम टैक्स भरते हैं। बाकी लोग, जिनमें गरीब भी शामिल हैं, जीएसटी, पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी जैसे अप्रत्यक्ष कर भरते हैं। इस बजट में 98 फीसदी भारतीयों के लिए कोई राहत नहीं दी गई है। – जस्मीन शाह, वरिष्ठ नेता, आप