11 बैंकों से 12 करोड़ का लोन लेकर गबन करने वाले आरोपी को किया गिरफ्तार : आगरा

आगरा। न्यू आगरा थाना के इंस्पेक्टर अजय कौशल के मुताबिक  11 बैंकों से 12 करोड़ रुपये का लोन लेकर गबन करने वाले आरोपी 25 हजार के इनामी रजत कुलश्रेष्ठ को एसटीएफ और न्यू आगरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है फर्जीवाड़े में बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। बता दें कि वह नोएडा में छिपा था। रजत कुलश्रेष्ठ पुत्र अंबरीश कुलश्रेष्ठ सुभाष पार्क के सामने वर्धमान हाउस में रहता है। फर्जी आटो मोबाइल कंपनी बनाकर और फर्जी दस्तावेज लगाकर 56 कारों पर उसने लोन लिया। रविवार को कोर्ट में पेश किया गया, उसे जेल भेज दिया गया है। उस पर पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, ओरियंटल बैंक आफ कामर्स, यूनियन बैंक आदि से दस से 90 लाख तक के लोन लेने का आरोप है। आरोपी ने खुद को गलत फंसाने की बात कही। इसकी जांच की जा रही है।
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आपको बता दें कि इस संबंध में थाना न्यू आगरा में चार, एत्माद्दौला, हरीपर्वत, लोहामंडी और ताजगंज थाना में एक-एक मुकदमा धोखाधड़ी सहित अन्य धारा में दर्ज हैं।
1.5 करोड़ का लोन
विवेचक एसआई प्रदीप भदौरिया के मुताबिक, आरोपी ने अपने वर्धमान हाउस पर पंजाब नेशनल बैंक से 1.5 करोड़ का लोन लिया, जबकि प्रापर्टी में उसके पिता के तीन भाइयों का भी हिस्सा था। पता चलने पर चाचा ने मुकदमा दर्ज कराया।
दस हजार का पेन,छह लाख की घड़ी
पुलिस की पूछताछ में रजत ने बताया कि वह 12वीं पास है। वह जल्दी अमीर बनना चाहता था। बैंक मैनेजर और कर्मियों से पंच सितारा होटल में मिलता। लोन की रकम से अपने शौक पूरे करता था। जब पकड़ा गया तो वह छह लाख की घड़ी, दस हजार का पेन, महंगे जूते, कपड़े आदि पहने हुए था।
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56 कार लोन
पुलिस ने बताया कि आरोपी रजत ने संजय प्लेस के पास एस्सार एंटरप्राइजेज के नाम से हैंडीक्राफ्ट का काम किया। मयंक अग्रवाल निवासी कमला नगर एकाउंटेंट था। मयंक ने बैंक अधिकारियों से रजत का परिचय कराया। उसने कार लोन की प्रक्रिया को जान लिया। दोस्त मोहित जैन निवासी शाहगंज भी शामिल हुआ। रजत ने नोएडा में जेआर आटोमोटिव के नाम से कंपनी बनाई  साथ ही वेबसाइट पर कंपनी का ब्योरा दिया। सर्विस रोड पर एक आफिस खोला  इसमें कर्मचारी रखे गए कर्मचारियों से दस्तावेज लेकर लोन लिया गया नोटबंदी के बाद किस्त नहीं मिलने पर बैंकों ने नोटिस भेजे जवाब न आने पर जाच  के दौरान   उन्हें धोखाधड़ी का पता चला।
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जानकारी के अनुसार कंपनी का कुटेशन भी फर्जी लगाता था उसने फर्जी आरसी, पे स्लिप भी जमा कराई। मेल से सवाल करने पर बैंकों को जवाब भी दिया जाता था। वर्ष 2013 से 2016 तक 56 से अधिक कारों पर फर्जी तरीके से लोन कराकर आठ करोड़ से अधिक की आर्थिक क्षति बैंकों को पहुंचाई है ।

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