हिमाचल में घोषणा पत्र हुए जारी – मगर खजाना तो खाली, अब कैसे पूरे होंगे चुनावी वादे

कांग्रेस और भाजपा ने घोषणापत्र में कई वादे तो कर दिए, मगर खजाना खाली होने से ये पूरे कैसे होंगे। इसका जवाब अबूझ पहेली बना हुआ है। हिमाचल करीब 45 हजार करोड़ से ज्यादा के कर्ज तले दबा है। ये ऋण साल दर साल करोड़ों के हिसाब से बढ़ रहा है। 
हिमाचल में घोषणा पत्र हुए जारी - मगर खजाना तो खाली, अब कैसे पूरे होंगे चुनावी वादेकरीब 4500 करोड़ तो सालाना ब्याज पर ही खर्च हो रहे हैं। अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञों की मानें तो अकेला 4-9-14 का टाइम स्केल देने में ही भावी सरकार के पसीने छूट जाएंगे। ढेरों लोक लुभावनी योजनाओं को लागू करने के लिए बहुत ज्यादा कर्ज उठाना होगा। यह तय सीमा के बाद कितना मिल पाएगा, ये अगला सवाल है। 

सरकारी कर्मचारियों पर चुनावी कार्ड खेलते हुए पहले रविवार को भाजपा ने विजन डाक्यूमेंट में 4-9-14 का स्केल देने की बात की। अब कांग्रेस ने एलान किया कि सत्ता में आते ही कर्मचारियों को 4-9-14 का लाभ दिया जाएगा। 

इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को सरकारी सेवा में आने की चौथी, नौवीं और चौदहवें साल में पदोन्नति मिलती है। न भी मिले तो प्रमोशन के बराबर देय वित्तीय लाभ हर सूरत में देने होंगे। राज्य में इस स्कीम को पहले आधा-अधूरा लागू करने का प्रयास हुआ। इसमें पैसे की कमी आड़े आई। भेदभाव पर कर्मचारियों ने खूब हायतौबा की।

घोषणा पत्र में किए ये बड़े वादे

अब कांग्रेस और भाजपा दोनों ने कर्मचारियों को लुभाने के लिए ये दांव खेला है। सूबे में कर्मचारियों की खुशी और नाखुशी ही चुनावी रुख को मोड़ती रही है। ये दोनों दलों के दिग्गज मानते हैं। इसलिए लाखों कर्मचारियों को 4-9-14 का लाभ देने के अलावा दोनों पार्टियों ने आउटसोर्स, अनुबंध, दैनिक भोगी, अंशकालिक,

पैट, पैरा, कंप्यूटर, आरकेएस समेत तमाम स्थायी और अस्थायी कर्मचारी श्रेणियों को सेवा और आर्थिक लाभ देने के वायदे कर इन्हें भी लुभाने का प्रयास किया है। तमाम स्थायी और अस्थायी कर्मचारियों-कामगारों की संख्या करीब पांच लाख हो जाती है। कर्मचारियों के अलावा पेंशनरों को भी इसी दिशा में साधने का

प्रयास हुआ है। कांग्रेस ने 2003 के बाद के तैनात कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की घोषणा कर चौंका दिया है। साधनों की कमी के मद्देनजर धरातल पर इस स्कीम के लागू होने पर भी अभी कई सवाल खडे़ होना स्वाभाविक है। दोनों पार्टियों की एक जैसी घोषणाओं में एक जीबी डाटा के साथ

छात्रों को लैपटॉप देने, माफियाओं के खिलाफ  शिकायत और स्त्री सुरक्षा को हेल्पलाइन जारी करने आदि शामिल हैं। भाजपा ने आकर्षक एलान स्कूली बच्चों को मुफ्त बस्ता-जूते देने, 60 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों से चार धाम की यात्रा करवाने के किए हैं, वहीं कांग्रेस ने कुछ कदम आगे बढ़ते हुए हर तबके के

लिए कई अप्रत्याशित घोषणाएं की हैं। इनमें किसानों का ऋण या ब्याज माफ करने सहित कई एलान हैं, जिनमें काफ ी बजट खर्च होगा। बजट कहां से आएगा। इसका जवाब कांग्रेस और भाजपा दोनों के पास भी साफ-साफ नहीं है।

 
 
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