सियासत के घेरे में हनुमान, इन राजनेताओं ने तय कर दी भगवान की जाति और धर्म

सियासत के घेरे में हनुमान, इन राजनेताओं ने तय कर दी भगवान की जाति और धर्म….
जिन्होंनें हनुमान चालीसा का अद्ध्यन किया है, उन्हें ये चौपाई तो याद ही होगी जय जय जय हनुमान,गौसाई कृपा करहूँ गुरु देव की नाही। जी हाँ, तो इस चौपाई मे हनुमान जी को गौसाई कहा जा रहा है, मगर राजनीति के सिपाहियों ने सत्ता के गलियारो में तूफान सा मचा रखा है। सियासी घेरे में इन राजनेताओं ने भगवान हनुमान की जाति और धर्म तय कर डाला, आखिर ये अधिकार इनको किसने दे दिया?

सियासत के दांव-पेंच में अब भगवान को भी नहीं बक्क्षा जा रहा है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा 27 नवंबर को उत्तर प्रदेश में चुनावी रैली के दौरान भगवान हनुमान को दलित बताए जाने के बाद बयानों का सिलसिला जारी हो गया। हनुमान की जाति और धर्म को लेकर राजनेता बेहिचक बयानबाज़ी कर रहे है। बीजेपी सांसद उदित राज, धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, एनसीएसटी के अध्यक्ष नन्द कुमार साय, केंद्रीय मंत्री सत्यपल सोंघ, राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह और बीजेपी के विधान परिषद सदस्य बुक्कल नवाब के विवादित बयान जारी हुए हैं।
बीजेपी के बुक्कल नवाब ने कहा है कि मुसलमानों के नाम ही रहमान, सुल्तान, इमरान, जीशान, रेहान जैसे होते है और उसी तरह हनुमान नाम भी मुसलमान का है। हिंदुओं में आपको ऐसे नाम नहीं मिलेंगे, सिर्फ हनुमान नाम मिलेगा, इसलिए भगवान हनुमान मुसलमान थे।
जहां उदित राज और नन्द कुमार साय ने भगवान हनुमान को आदिवासी बताया, वहीं लक्ष्मी नारायण चौधरी ने उन्हें जाट बताते हुए कहा कि जो दूसरों को दिक्कत में देखकर कूद पड़ते हैं, वो जाट ही हो सकते हैं। बयानबाज़ी यहीं नहीं रुकी इनके बाद सत्यपल सोंघ ने भगवान हनुमान को आर्य और गोपाल नारायण सिंह ने उन्हें पशु बताते हुए कहा कि हनुमान तो बंदर थे और बंदर पशु होता है, जिसका दर्जा दलित से भी नीचे होता है, वो तो राम थे जिन्होंनें उन्हें भगवान बना दिया।

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