अभी-अभी: संयुक्त राष्ट्र की बैठक में चीन-पाकिस्तान से तनातनी के बीच सुषमा का सबसे बड़ा कदम

लखनऊ: संयुक्त राष्ट्र आम सभा की सालाना बैठक शुरू हो गई है. इस साल की बैठक अपने आप में ख़ास है. खास इसलिए कि बदलते माहौल में दुनियाभर में नए ब्लॉक तैयार हो रहे हैं. उत्तर कोरिया के लगातार हमलावर रुख के बीच अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने भी एकजुट होना शुरू कर दिया है. ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भाषण पर सबकी नज़र रहेगी, जिसमें वह सीरिया, अफ़गानिस्तान, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान को लेकर अमेरिकी रणनीति पर बात कर सकते हैं. यूएन में उनके पेरिस पर्यावरण समझौते पर भी अमेरिका का पक्ष रखने की खबर है.अभी-अभी: संयुक्त राष्ट्र की बैठक में चीन-पाकिस्तान से तनातनी के बीच सुषमा का सबसे बड़ा कदम
इधर, भारत के लिए भी यह बैठक खास है. हाल के दिनों में चीन और पाकिस्तान से तनातनी के बीच विदेशमंत्री सुषमा स्वराज भी भारत के पक्ष को यूएन में मजबूती से उठाने में जुटी हुई हैं. सुषमा की मुलाक़ात अमेरिकी और जापानी विदेश मंत्री से हो चुकी है. इस मुलाकात को चीन के खिलाफ भारत-अमेरिका और जापान की तैयारियों के तौर पर भी देखा जा रहा है. सुषमा इस दौरे में 20 देशों के राजनयिकों से मुलाक़ात करेंगी. इसके अलावा सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता के दावे को सुषमा मज़बूती देने में जुटी हैं.

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संयुक्त राष्ट्र संघ की इस बैठक में म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सु की के भाषण पर सबकी नज़र रहेगी. माना जा रहा है कि वो रोहिंग्या के मुद्द पर यूएन में अपनी सरकार का पक्ष रखेंगे. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने बैठक से पहले कहा कि सु की के पास हिंसा रोकने का ये आखिरी मौका है. उन्होंने जोर देकर कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों की घर वापसी म्यांमार सरकार की जिम्मेदारी है.

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