शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगाया असंवदेनहीन होने का आरोप

लखनऊ। डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में शुक्रवार को धरना देते हुए शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर असंवेदनहीन होने का आरोप लगाया है। उन्होंने अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से वार्ता की पहल नहीं किए जाने पर रोष व्यक्त किया। साथ ही मांग की है कि प्रत्येक स्तर पर फाइलों के निस्तारण के लिए समय सीमा तय की जाए।
विश्वविद्यालय के शिक्षक 16 जनवरी से सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन और एरियर का भुगतान
विश्वविद्यालय के शिक्षक 16 जनवरी से सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन और एरियर का भुगतान करने, सभी शिक्षकों को सामूहिक बीमा का लाभ देने, चिकित्सीय सुविधा देने, कई वर्षो से असि. प्रोफेसरों को प्रमोशन देने और आईक्यूएसी की बैठक हर तीन माह में कराने सहित करीब 20 सूत्रीय मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर धरना पर बैठे हैं। शुक्रवार को शिक्षकों ने वार्ता नहीं किए जाने पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के कुलतपि सहित अन्य सभी अधिकारी असंवेदनशील रवैया अख्तियार किए हुए है। उनका कहना था कि कुल सचिव ने पहले दिसम्बर में और फिर जनवरी में सातवां वेतनमान देने का वादा किया पर अभी तक पूरा नहीं किया है। उन्होंने मांग की कि फरवरी में वेतन सातवें वेतनमान के अनुसार दिया और 15 फरवरी तक एरियर का भी भुगतान कर दिया जाए।
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विवि नियमों के अनुसार परीक्षा नियंत्रक जैसे पदों पर हो नियुक्त
शिक्षकों का कहना था कि विश्वविद्यालय में हर फाइल लटकाई जाती है। इसलिए फाइलों के निस्तारण के लिए समय सीमा तय की जाए। साथ ही शिक्षकों ने कहा कि परीक्षा नियंत्रक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर मनमाने तरीके से नियुक्त की गई है। ऐसे में परीक्षा नियंत्रक सहित उनके जैसे पदों पर विश्वविद्यालय अधिनियम और परिनियमावली में दी गई व़्यवस्था के अनुसार ही नियुक्त की जाए।
लूटा और सांसद का मिला समर्थन
शिक्षकों के आंदोलन को लविवि के शिक्षकों के संगठन लूटा और सांसद कौशल किशोर सहित क्षेत्रीय विधायक का समर्थन हासिल हुआ है। आंदोलित शिक्षकों के अनुसार लूटा के पदाधिकारी शनिवार को और सांसद सहित क्षेत्रीय विधायक एवं कई एमएलसी ने सोमवार को विवि आने का वादा किया है।

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