शादी की खुशियाँ बदली मातम में, बस एक्सीडेंट से ब‍िछी लाशें, एक साथ जलीं 21 च‍िताएं

राजस्थान में एक परिवार की शादी की खुश‍ियां मातम में बदल गईं जब शादी समारोह में जाने वाली एक बस नदी में ग‍िर गई. बस में 29 में से 24 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. बुधवार को 24 में से 21 शवों को कोटा के श्मशान घाट पर जलाया गया. यह दृश्य देखकर लोगों के द‍िल दहल कर रह गए.

कोटा के किशोरपुरा स्थित मुक्तिधाम पर लाखेरी के मेज नदी में बस हादसे में मृत 21 लोगों के शव का बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया. इस घटना पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दुख जताया और कहा कि यह घटना दुखद और पीड़ादायक है. पूरे परिवार के साथ हम लोगों को भी बहुत आघात लगा है.

कोटा के किशोरपुरा मुक्तिधाम पर पहुंचे राजस्थान के  चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा  ने कहा यह बहुत ही हृदय विदारक घटना हुई है. इस पर पूरी सरकार और मुख्यमंत्री भी चिंतित हैं. विधानसभा चल रही है, इसलिए मुख्यमंत्री ने मुझे व परिवहन मंत्री को यहां पर भेजा है. जिन परिवारों में मौत हुई है, उनकी हम पारिवारिक हिस्ट्री लेंगे और उन्हें आर्थिक मदद दी जाएगी.

बस हादसे में मृत लोगों की अंत्येष्टि में पहुंचे राजस्थान सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कोई भी जिम्मेदार इस घटना की जिम्मेदारी से नहीं बचेगा. यह पुलिया किसके समय में बनी और क्या कमी रही, दुर्घटना के क्या कारण रहे, यह सब जांच करके जांच के बाद एक्शन लेना यह हमारा कर्तव्य भी है. मुख्यमंत्री जी ने हमें भेजा है और दो लाख रुपए मृतक के परिवार को देने की घोषणा की है.

बता दें क‍ि कोटा दादाबाड़ी से सवाई माधोपुर में आयोजित होने वाले शादी समारोह में बुआ के यहां भात देने जाते समय हुई दुर्घटना से शादी कि खुशिया काफूर हो गईं. बस में ड्राइवर सहित 29 यात्री सवार थे.

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कोटा से आ रही मिनी बस लाखेरी मेज नदी पुलिया पर गड्डों से होकर निकल रही थी क‍ि तभी बस असंतुलित होकर नदी में जा गिरी. बस उलटी गिरने से उसमें सवार लोगों को निकलने का मौका भी नहीं मिला,  जिससे यह बड़ा हादसा हुआ.

इस हादसे में 24 व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो गई. मृतकों में महिला, पुरुष और बच्चे शामिल हैं. इनमें से 5 लोग घायल हुए थे. मृतकों में 11 महिलाएं, 10 पुरूष, 3 बच्चे शामिल हैं.

बस में सवार एक घायल ने बताया कि चलती बस का आगे का पहिया, पुलिया के गड्डों में अचानक निकल गया. पहिया निकलने से गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया जिससे असंतुलित बस नदी में जा गिरी. घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे थे और बचाव राहत कार्य शुरू किया गया था.

मौके पर ही बचाव राहत कार्य शुरू होने के बाद भी 24 लोगों को नहीं बचाया जा सका. इस दुर्घटना से क्षेत्र में कोहराम मच गया. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए लेकिन स्थानीय लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और वह बचाव और राहत में जुटे रहे.

आप को बता दें क‍ि पुलिया लंबे समय से क्षतिग्रस्त है और पुलिया पर बेरिकेट्स नहीं लगे हुए हैं. इसके लिए पूर्व में भी स्थानीय प्रशासन को लिखित में शिकायत दी जा चुकी है लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है. इस घटना के ल‍िए लोग सार्वजनिक निर्माण विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहे है.

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