विधायकों ने प्रदेश में शराब के अवैध कारोबार पर भी चिंता जताते हुए सरकार से कठोर कदम उठाने का किया आग्रह

 राजस्थान के अधिकांश विधायक प्रदेश में शराब बंदी लागू करने के पक्ष में है। विधायकों का कहना है कि शराब के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति खराब होने के साथ ही माफिया पनप रहे है। विधायकों ने प्रदेश में शराब के अवैध कारोबार पर भी चिंता जताते हुए सरकार से कठोर कदम उठाने का आग्रह किया।

सोमवार को राज्य विधानसभा में आबकारी विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान विधायकों ने कहा कि हरियाणा से गुजरात तक अवैध शराब पहुंचाने के लिए राजस्थान एक माध्यम बना हुआ है। पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों की शराब का अवैध कारोबार करने वालों के साथ मिलीभगत है।

भाजपा विधायक मदन दिलावर ने प्रदेश में शराब बंदी की मांग करते हुए कहा कि शराब की अवैध दुकानें चल रही है। इन पर लगाम लगाने की जरूरत है। बसपा विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि सभी विधायक जानते है कि एक शराब के लाइसेंस पर पांच-पांच दुकानें चल रही है। पुलिस आबकारी विभाग के अधिकारियों की इसमें मिलीभगत है। कांग्रेस विधायक शकुंतला रावत,सुरेश मोदी और दानीश अबरार ने शराब बंदी की मांग करते हुए कहा कि शराब के कारण लोगों के घर बर्बाद हो रहे है।

शराब पर रोक लगने से गरीब परिवारों की महिलाओं को सबसे अधिक खुशी होगी। निर्दलिय विधायक संयम लोढ़ा ने अवैध शराब की जांच करने की मांग करते हुए कहा कि इस कारोबार में जुटे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई के दायरे में लाने की मांग करते हुए कहा कि इससे राजनेताओं की जनता के प्रति जवाबदेही बढ़ेगी।

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