विधायकों के मंत्री बनने के बावजूद लोकसभा चुनाव में वे क्षेत्रों में अपना प्रभाव बढ़ाने में रहे नाकाम

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में जीते कांग्रेस विधायकों के मंत्री बनने के बावजूद लोकसभा चुनाव में वे क्षेत्रों में अपना प्रभाव बढ़ाने में नाकाम रहे। यही वजह रही कि करीब छह महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में उनमें से अधिकांश के क्षेत्रों में कांग्रेस को मिली करारी हार विस चुनाव के मुकाबले कई गुना बढ़ गई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गृह नगर राघौगढ़ और उनके मंत्री पुत्र जयवर्धन सिंह के विस क्षेत्र में भी कांग्रेस प्रत्याशी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा है।

लोकसभा चुनाव परिणामों में आश्चर्य की बात यह है कि सरकार में मंत्री बनाए जाने के बाद भी 22 मंत्रियों के क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशियों को अप्रत्याशित बढ़त हासिल हुई है। राजगढ़ लोस सीट में दो मंत्री जयवर्धन सिंह और प्रियव्रत सिंह का विस क्षेत्र राघौगढ़ और खिलचीपुर आते हैं। राघौगढ़ दिग्विजय का गृह नगर भी है और जयवर्धन की यह विधानसभा सीट है। यहां से कांग्रेस को विस चुनाव में लगभग 47 हजार के मतों के अंतर से जीत मिली थी, लेकिन लोस चुनाव में 43 हजार से ज्यादा के वोट का अंतर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में रहा

सीएम के विश्वस्त मंत्री भी नहीं बना सके माहौल, कई जीत के आंकड़े तक नहीं पहुंचे

मुख्यमंत्री के विश्वस्त मंत्री तरुण भनोत, सुखदेव पांसे के लोस क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों को जो बढ़त मिली, वह मंत्रियों की विस चुनाव की जीत के अंतर से कई गुना ज्यादा रही। जबलपुर पश्चिम विस से विधायक भनोत विस चुनाव में मिली 18 हजार 683 वोटों की जीत को बरकरार नहीं रख सके। यहां से भाजपा प्रत्याशी ने लगभग 84 हजार की लीड ली। इसी तरह मुलताई के पांसे के जीत के आंकड़े 17 हजार 250 पर भाजपा प्रत्याशी ने 52 हजार वोट से भी ज्यादा की बढ़त ली। भोपाल दक्षिण-पश्चिम सीट से मंत्री पीसी शर्मा की 6587 वोट की जीत को भाजपा प्रत्याशी ने करीब 46 हजार की बढ़त में बदल लिया है।

सिर्फ आरिफ अकील अपने भोपाल उत्तर विस क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त दिलाने में सफल रहे। हालांकि उनकी जीत का आंकड़ा 34 हजार 857 लोस की लीड के रूप में करीब 25 हजार पर सिमट गया। उधर, कांग्रेस के आधा दर्जन मंत्रियों ने कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए अपने विस क्षेत्र से बढ़त तो दिलाई, लेकिन अपनी जीत वाले आंकड़े तक नहीं पहुंचा सके। मंडला की डिंडौरी सीट से ओमकार सिंह मरकाम के क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी पिछड़े हैं। हालांकि मरकाम जिस तरह 32 हजार वोटों से विस चुनाव में जीते थे, वह आंकड़ा करीब 18 हजार पर सिमट गया। धार के दो मंत्रियों ने भी कांग्रेस की लाज बचाई। इस सीट पर गंधवानी के मंत्री उमंग सिंघार की 2018 की जीत का आंकड़ा 38 हजार 831 था, जिसे भाजपा प्रत्याशी ने कम कर दिया। मगर सिंघार के यहां से कांग्रेस प्रत्याशी 11 हजार 216 की बढ़त लेने में जरूर सफल रहे। इसी तरह कुक्षी के विधायक सुरेंद्र सिंह बघेल हनी की 62 हजार 936 की जीत लोस चुनाव में करीब आधी रह गई। कांग्रेस प्रत्याशी को धार लोस में कुक्षी से करीब 35 हजार को वोट के अंतर से बढ़त दिलाई है।

11 गुना अंतर बढ़ा

इंदौर लोस सीट की राऊ और सांवेर विस सीटों पर मंत्री जीतू पटवारी व तुलसीराम सिलावट प्रतिनिधित्व करते हैं। सिलावट विस चुनाव में करीब 5700 वोटों से जीते थे, लेकिन लोस के भाजपा प्रत्याशी शंकर ललवानी को उनके क्षेत्र से लगभग 67 हजार से भी ज्यादा की लीड मिली। इसी तरह ललवानी ने राऊ विस में पटवारी की 2018 में लगभग नौ हजार की जीत का अंतर पाटने के बाद करीब 80 हजार की बढ़त ली। दमोह लोस सीट पर मंत्री हर्ष यादव विस चुनाव की जीत का अंतर बनाए रखने में नाकाम रहे। भाजपा ने यहां से 11 गुना ज्यादा यानी 44 हजार से भी ज्यादा की लीड ली।

मंत्रियों का प्रभाव नहीं दिखा

सागर में भी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सुरखी विस सीट पर अपनी जीत के आंकडे 21,418 को कायम नहीं रख सके। यहां से भाजपा प्रत्याशी ने साढ़े 31 हजार से ज्यादा की लीड लेकर मंत्री के प्रभाव को धता बताया। विदिशा लोस क्षेत्र की सांची विस से मंत्री बने डॉ. प्रभुराम चौधरी के क्षेत्र में भाजपा ने करीब 70 हजार मतों की बढ़त ली। सीधी लोस सीट पर मंत्री कमलेश्वर पटेल को विस चुनाव में जितने वोट मिले थे, उसे पीछे छोड़कर भाजपा प्रत्याशी ने करीब साढ़े 18 हजार वोटों की बढ़त ली।

खरगोन लोस सीट में आने वाली विस सीटों महेश्वर, कसरावद, राजपुर से तीन मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ, सचिन यादव और बाला बच्चन हैं। सबसे ज्यादा बढ़त महेश्वर में मिली, यहां डॉ. साधौ की जीत 35 हजार 836 को पीछे छोड़कर 38 हजार से ज्यादा वोट की लीड ली। इसी तरह देवास से हुकुमचंद कराड़ा की विस चुनाव की 44,979 की जीत पर 25 हजार से ज्यादा तो मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की विस में 9818 से जीत का आंकड़ा साढ़े 46 हजार से ज्यादा की लीड में बदला।

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