विदेशी फंडिंग के मामले में सीबीआई ने इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर के घर छापा मारा
आनंद ग्रोवर उच्चतम न्यायालय की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के पति हैं। उनपर जांच एंजेंसी ने विदेशी सहायता प्राप्त करने में कथित विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के उल्लंघन के तहत मामला दर्ज किया है। जब उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें परेशान न किया जाए क्योंकि छापेमारी जारी है। लायर्स कलेक्टिव ने सीबीआई द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है।
जांच एजेंसी ने 18 जून, 2019 को गृह मंत्रालय के एक शिकायत के आधार पर लॉयर्स कलेक्टिव के खिलाफ विदेशी अंशदायी (विनियमन) अधिनियम, 2010 का उल्लंघन करने की वजह से आपराधिक मामला दर्ज किया था। मंत्रालय को एनजीओ द्वारा प्राप्त विदेशी सहायता में कई विसंगतियां मिली थीं। आनंद इस संस्था के ट्रस्टी और निदेशक हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इंदिरा जयसिंह के ठिकानों पर पड़े छापे की निंदा की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं वरिष्ठ वकील इंदिया जयसिंह और आनंद ग्रोवर के यहां सीबीआई छापों की कड़ी निंदा करता हूं। कानून को अपना काम करने दीजिए लेकिन उन वरिष्ठों को परेशान करना जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी कानून और संवैधानिक मूल्यों के लिए लड़ी एक स्पष्ट प्रतिशोध है।’
इससे पहले आठ मई को उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा था जिसमें एसआईटी जांच की मांग की गई थी। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह को उस दौरान विदेशों से फंड मिला जब वह यूपीए कार्यकाल के दौरान 2009-2014 के बीच अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का संवेदनशील पद संभाल रही थीं। याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इंदिरा, आनंद और उनके एनजीओ को नोटिस भी जारी किया था।
जयसिंह के खिलाफ याचिकाकर्ता वरिष्ठ वकील पुरुषेंद्र कौरव ने गृह मंत्रालय के 31 मई, 2016 और 27 नवंबर, 2016 के आदेशों का हवाला देते हुए अदालत में कहा था, ‘जयसिंह और आनंद ग्रोवर (सचिव और एनजीओ लॉयर्स कलेक्टिव के अध्यक्ष) ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) का उल्लंघन करके धन हासिल किया। इसके अलावा उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश करते हुए सांसदों और मीडिया के जरिए लॉबिंग करके कई महत्वपूर्ण निर्णयों और नीति निर्धारण को प्रभावित करने की कोशिश की।