वाराणसी में पीएम मोदी की हुंकार, राष्ट्र का यह मतलब कभी नहीं रहा कि किसने कहां जीत हासिल की…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को तीस से अधिक योजनाओं की सौगात देने के लिए पहुंचे। अपने छह घंटे से अधिक समय तक के प्रवास पर सुबह 10.25 बजे लाल बहादुर शास्‍त्री अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट बाबतपुर पहुंचे तो एप्रन पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री नीलकंठ तिवारी और अनिल राजभर, आशुतोष टंडन, मछलीशहर सांसद बीपी सरोज, मेयर मृदुला जायसवाल, चेयरमैन अपराजिता सोनकर, पिंडरा विधायक अवधेश सिंह, नवीन कपूर, शैलेश पांडेय सहित भाजपा के अन्य नेताओं ने गुलदस्‍ता भेंट कर अगवानी की।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पुरातन ज्ञान और दर्शन के सागर श्री सिद्धांत शिखामणि को 21वीं सदी का रूप देने के लिए मैं विशेष रूप से आपका अभिनंदन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि भक्ति से मुक्ति का मार्ग दिखाने वाले इस दर्शन को भावी पीढ़ी तक पहुंचना चाहिए। एक App के माध्यम से इस पवित्र ज्ञानग्रंथ का डिजिटलीकरण युवा पीढ़ी के जुड़ाव को और बल देगा, उनके जीवन की प्रेरणा बनेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि जंगमवाड़ी मठ भावात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से वंचित साथियों के लिए प्रेरणा का माध्यम है। संस्कृत भाषा और दूसरी भारतीय भाषाओं को ज्ञान का माध्यम बनाते हुए, टेक्नॉलॉजी का समावेश आप कर रहे हैं, वो भी अद्भुत है। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का भी यही प्रयास है कि संस्कृत सहित सभी भारतीय भाषाओं का विस्तार हो, युवा पीढ़ी को इसका लाभ हो।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में राष्ट्र का यह मतलब कभी नहीं रहा कि किसने कहां जीत हासिल की, किसकी कहां हार हुई। हमारे यहां राष्ट्र सत्ता से नहीं, संस्कृति और संस्कारों से सृजित हुआ है, यहां रहने वालों के सामर्थ्य से बना है।

पीएम मोदी ने कहा कि संस्कृति और संस्कृत की संगम स्थली में आप सभी के बीच आना, मेरा लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। बाबा विश्वनाथ के सानिध्य में, मां गंगा के आंचल में, संत वाणी का साक्षी बनने का अवसर बार-बार नहीं मिलता। पीएम मोदी ने कहा कि वीरशैव परंपरा वो है, जिसमें वीर शब्द को आध्यात्म से परिभाषित किया गया है। जो विरोध की भावना से ऊपर उठ गया है वही वीरशैव है। यही कारण है कि समाज को बैर, विरोध और विकारों से बाहर निकालने के लिए वीरशैव परंपरा का सदैव आग्रह रहा है।

इसके बाद एयरपोर्ट से ही प्रधानमंत्री सेना के हेलीकाप्टर से बीएचयू हेलीपैड की ओर रवाना हो गए जहां से प्रधानमंत्री का काफ‍िला जंगमबाड़ी मठ की अोर रवाना हो गया। इस दौरान श्री जगद्गुरु विश्वाराध्य गुरुकुल शतमानोत्सव के मौके पर आयोजित वीरशैव महाकुंभ में वह शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यहां पर कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री बीएस येदियुरप्‍पा ने परंपरागत तरीके से स्‍वागत किया। इसके बाद पीएम ने मठ में दर्शन पूजन कर ज्ञानसिंहासन पीठ जंगमबाड़ी में मकर संक्रांति से महाशिवरात्रि तक चलने वाले महाकुंभ में प्रधानमंत्री 19 भाषाओं में अनुवादित ग्रंथ श्रीसिद्धांत शिखामणि एवं मोबाइल एप का शिवार्पण किया।

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