लाखों लोगों में से किसी एक में यह स्थिति ,इनके शरीर के सारे अंग हैं विपरीत दिशा में

 एमवाय अस्पताल में भर्ती एक मरीज के सारे अंग विपरीत दिशा में हैं। सोमवार को जब मरीज का अपेंडिक्स का ऑपरेशन करने के लिए सीटी स्कैन किया गया, तब यह जानकारी लगी। मरीज की इस अवस्था को चिकित्सकीय शब्दकोष में साइटस इंवर्सेस कहा जाता है। इस बीमारी में शरीर के भीतरी अंग सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा विपरीत स्थिति में होते हैं।

सोमवार को सर्जरी विभाग में 35 साल के मरीज का अपेंडिक्स का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के लिए जब मरीज की सीटी स्कैन और सोनोग्राफी करवाई तो पता चला मरीज के शरीर सभी अंग विपरीत दिशा में हैं। लाखों लोगों में से किसी एक में यह स्थिति पाई जाती है। बाणगंगा का रहने वाला यह युवक पेट दर्द की शिकायत लेकर रविवार को भर्ती हुआ था। सोनोग्राफी और सीटी स्कैन करवाया गया। जांच रिपोर्ट आने पर पता लगा कि जितने अंग है, सभी उल्टी दिशा में है।

विभागाध्यक्ष डॉ. आरके माथुर के मार्गदर्शन में डॉ. मनीष कौशल, डॉ. अरविंद शुक्ला, डॉ. यश मदनानी, डॉ. सौरभ राज, डॉ. रोहित दुबे, डॉ. शशांक बघेल की टीम ने दूरबीन पद्धति से अपेंडिक्स का ऑपरेशन किया।

दायीं ओर से सुनाई दी दिल की धड़कन

सिटी स्कैन के बाद जब डॉक्टरों ने हार्ट बीट जांची तो हार्ट बीट बायीं की बजाए दायीं तरफ सुनाई दी। इससे डॉक्टर भी हैरत में आ गए। डॉ. अरविंद शुक्ला के अनुसार युवक को कुछ माह से पेट में दर्द रहता था। शहर में कई डॉक्टरों को दिखाया लेकिन सही उपचार नहीं मिला। एमवाय अस्पताल में मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ ने जांच में पाया कि हृदय की धड़कन बायीं ओर से नहीं अपितु दायीं ओर सुनाई दे रही है।

गहन जांच में पाया गया कि हृदय बायीं तरफ (सामान्य स्थान) न होकर दायीं तरफ है। इसी तरह सामान्य तौर पर दायीं ओर पाया जाने वाला लिवर बायीं ओर है। यही नहीं, कई अंग उलटी दिशा में पाए गए। अपेंडिक्स व छोटी आंत चिपकी व उलझी हुई मिलीं। बड़ी आंत भी बायीं तरफ न होकर दायीं तरफ थी। इसे ठीक करने के लिए ऑपरेशन जरूरी था लेकिन वह भी अंगों के दूसरी दिशा में होने की वजह से चुनौतीपूर्ण था। जोखिम कम से कम हो, इसलिए दूरबीन पद्धति से ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। इस स्थिति में हार्ट में भी कई जटिलताएं मिलती हैं। जैसे हृदय में छेद होना, हार्ट के वॉल्व में खराबी होना। इसलिए बेहोशी के दौरान भी कई जोखिम हो सकते थे।

अंतत: ऑपरेशन सफल रहा और मरीज को जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी। लेकिन उन्हें समय-समय पर डॉक्टरों को दिखाते रहने की सलाह दी जाएगी।

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