रेलवे की कोहरे से निपटने की तैयारी, फॉग में ट्रेन की स्पीड होगी 50 किमी प्रति घंटा

जयपुर। सर्दी आते ही जयपुर रेल मंडल ने फॉग से निपटने की तैयारी पूरी कर ली है। हालांकि रेलवे की इस तैयारी से एक तरफ जहां ट्रेनों का संचालन अधिक संरक्षित व सुरक्षित बनेगा वहीं यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में अधिक समय भी लगेगा जो उनके लिए बड़ी परेशानी का सबब बनेगा। जानिए और इस बारे में ….

– इस सीजन में दिल्ली-जयपुर-सवाईमाधोपुर मेनलाइन पर पहली बार गैंगमैन जीपीएस लेकर पेट्रोलिंग करेंगे। इससे पेट्रोलिंग करने वाले गैंगमैन की लोकेशन का पता लग जाएगा। साथ ही इससे ट्रैकमैन पर निगरानी रखी जा सकेगी।

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– रेलवे कंट्रोल में बैठा अधिकारी पेट्रोलमैन ने पेट्रोलिंग की या नहीं इसका भी पता लग सकेगा। रेलवे ने फॉग को देखते हुए की जाने वाली पेट्रोलिंग के लिए पेट्रोलमैन का चार्ट तैयार कर लिया है।

– 500 से भी अधिक गैंगमैन सर्दी में पेट्रोलिंग करेंगे। गैंगमैन के पास जीपीएस ट्रैकर व अन्य उपकरण होंगे। ट्रैक में गड़बड़ी पाए जाने पर तुरंत ट्रैकमैन ट्रैक को दुरुस्त करेगा। साथ ही निकट के स्टेशन मास्टर को सूचना देगा।
– इसके बाद रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना की जाएगी। संरक्षा को देखते हुए रेलवे ने रेल पटरी की फ्रेक्चर टेस्टिंग करवा ली है। इसमें ये भी ध्यान में रखा गया है कि पिछली बार जहां-जहां भी रेल पटरी पर फ्रेक्चर हुए हैं। वहां दो बार निरीक्षण करवाया गया है।

– ट्रैक के निरीक्षण में ट्रैक में जिस भी स्थान पर खामी पाई गई वहां रेल पटरी बदली गई है। ऐसा 8 से 10 स्थानों पर किया गया है। ट्रैक की डि-स्ट्रेचिंग ट्रैक का टेंशन रिलीज किया जा चुका है। संरक्षा से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि रेल पटरी का टेंपरेचर 15 से 20 डिग्री होने पर पेट्रोलिंग की जाती है।

फॉग में ड्राइवर 50-60 किमी प्रति घंटा रखें ट्रेन की स्पीड

– सर्दी के मौसम में कोहरा होने के कारण रेलवे ने ट्रेन ड्राइवर्स के लिए भी दिशा-निर्देश दिए हैं। फॉग होने पर ड्राइवर को ट्रेन 50 से 60 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, यलो सिग्नल दिखने पर 30 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने को कहा गया है। ट्रेन चलाते समय यदि ट्रैक पर कोई खामी दिखे तो ट्रेन को रोककर तुरंत निकट के रेलवे स्टेशन के मास्टर को सूचित करना होगा। ट्रैक दुरुस्त होने के बाद ही ट्रेन को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

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अधिकारी सुपरवाइजर करेंगे फुट प्लेटिंग

– फॉग शुरू होने पर रेलवे के मंडल अधिकारी व सुपरवाइजर नियमित रूप से फुट प्लेटिंग करेंगे। इस बारे में भी निर्देश दिए गए हैं। फुट प्लेटिंग में अधिकारी ट्रेन के इंजन में सवार होकर ड्राइवर के साथ ही ट्रैक की स्थिति को देखते हैं। यदि कहीं ट्रेन के संचालन के समय अचानक झटका लगता है तो उसके बारे में सूचना देकर ट्रैक को तुरंत दिखवाया जाता है ताकि किसी प्रकार की अनहोनी नहीं हो।

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