रिसर्च में हुआ खुलासा Skin cancer के मरीजों के लिए smoking है जानलेवा…

स्‍मोकिंग वैसे तो खतरनाक है ही लेकिन स्किन कैंसर से उबर रहे रोगियों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकती है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में दावा किया गया है कि त्‍वचा या स्किन कैंसर के ऐसे रोगी जो सिगरेट पीते हैं उनकी ऐसे रोगियों की तुलना में जो स्‍मोकिंग नहीं करते 40 प्रतिशत कम जीवित रहने की संभावना है।रिसर्च में हुआ खुलासा Skin cancer के मरीजों के लिए smoking है जानलेवा...

यह रिसर्च ब्रिटेन की लीड्स यूनिवर्सिटी ने की है। जर्नल कैंसर रिसर्च में छपी इस रिपोर्ट में शोधकर्ता इस बात पर सहमत दिखे कि धूम्रपान हमारे इम्‍यून सिस्‍टम या प्रतिरक्षा प्रणाली पर नकारात्‍मक असर डालता है।

स्मोकिंग से खराब होता है इम्‍यून सिस्‍टम का तालमेल
हालांकि अभी तक यह पता नहीं चला है कि इसके लिए कौन से रसायन जिम्‍मेदार हैं। रिसर्च की अगुआई करने वाली जूलिया न्‍यूटन बिशप का कहना था, ‘हमारा इम्‍यून सिस्‍टम एक ऑर्केस्‍ट्रा की तरह है जिसमें कई चीजें हिस्‍सा लेती हैं। रिसर्च में पता चला है कि स्‍मोकिंग करने से इस ऑर्केस्‍ट्रा का सुर बिगड़ जाता है, मतलब इसमें संगीतकार संगीत तो बजाते रहते हैं लेकिन उनके बीच का तालमेल खराब हो जाता है।’

रिसर्च के मुताबिक, धूम्रपान का सीधा असर इस बात पर पड़ता है कि धूम्रपान करने वालों के शरीर मेलानोमा कैंसर कोशिकाओं से किस तरह से निपटते हैं। ब्रिटेन में कैंसर रिसर्च की हेड जूली शार्प का कहना था, ‘ कुल मिलाकर यह रिसर्च बताता है कि धू्म्रपान से त्‍वचा के कैंसर के मरीजों की जीवित बचे रहने की संभावना सीमित हो जाती है। इसलिए हमारा प्रयास होना चाहिए कि इन मरीजों को धूम्रपान छोड़ने के लिए हर तरह से मदद दी जाए।’ इस स्‍टडी में कैंसर के 700 मरीजों को शामिल किया गया था।

Back to top button