राज ठाकरे ने ममता बनर्जी को मुंबई में मोर्चा में शामिल होने का दिया न्योता

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने बुधवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। ममता से मुलाकात पर राज ने कहा कि मैं उनसे (ममता बनर्जी) ईवीएम के मुद्दे पर मिलने आया हूं। मैंने उन्हें मुंबई में मोर्चा में शामिल होने का न्योता दिया। उन्होंने मुझे कहा है कि उनकी पार्टी लोकतंत्र बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा है कि मैं हूं ऐसा समझ लेना।

ईवीएम के मुद्दे पर कोर्ट जाने के सवाल पर राज ने कहा कि मुझे हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से कोई उम्मीद नहीं है।

इस बीच, ममता ने कहा कि अगर सभी उद्योगपति देश से भाग जाएं या फिर सुसाइड कर लें तो आपको नहीं लगता ये देश के लिए खतरनाक हालात हैं? मैं दुखी हूं क्योंकि इंडस्ट्री और कृषि का यह भविष्य नहीं हुआ।

दरअसल, ममता बीते लोकसभा चुनाव में ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए भाजपा की जीत पर संदेह जाहिर की थीं। साथ ही, उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में सुधार की मांग करते हुए बैलेट से मतदान की वकालत की, जिसके बाद कई सियासी दलों ने उनकी इस मांग को जायज ठहराते हुए उनका का समर्थन भी किया।

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गौरतलब है कि मनसे प्रमुख ने आगामी विधानसभा चुनावों में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से मतदान कराने की चुनाव आयोग से मांग की है। राज ठाकरे इस दिशा में विरोधी दलों को एकजुट करने के प्रयास में हैं। ममता से उनकी यह मुलाकात इसी क्रम में हो रही है। महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। मनसे आने वाले दिनों में ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ अपनी मुहिम और तेज करने वाली है। मनसे ने आगामी नौ अगस्त को चुनाव आयोग की वर्तमान मतदान प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन की योजना बनाई है। राज ठाकरे की पार्टी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते आई है और साफ कहा है कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव में ईवीएम से मतदान होता है तो वह चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

तृणमूल प्रमुख का कहना है कि एक समिति बनाकर ईवीएम की जांच कराई जानी चाहिए। ममता ने हाल ही में कहा था कि ईवीएम की अविश्वसनीयता का मुद्दा सियासी दलों ने बार-बार उठाया है। हालांकि, हम ईवीएम में विश्वास करते हैं लेकिन यह विश्वास क्यों नहीं किया जा सकता कि भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए कुछ ईवीएम में अलग से प्रोगामिंग की जा सकती है।

इधर, महाराष्ट्र में अपने खोते जनाधार और लोकप्रियता के बाद अब मनसे प्रमुख अन्य दलों के नेताओं से भेंट मुलाकात में लगे हैं और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पहले उन्होंने बीते आठ जुलाई को दिल्ली पहुंच यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी।

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