राजनाथ सिंह का बड़ा बयान, सीमा पर भारत-चीन के बीच कोई तनाव नहीं

भारत-चीन सीमा पर तनाव के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि भारत सरकार देश की सुरक्षा की आवश्यकताओं के बारे में पूरी तरीके से जागरुक है और समय-समय पर इसकी समीक्षा कर उचित निर्णय लिए जाते हैं. उन्होंने कहा, भारत-चीन सीमा पर कोई तनाव नहीं है. यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे सड़क, टनल, रेलवे लाइन और एयरफील्ड्स को विकसित किया जा रहा है, जिससे देश की अखंडता और सुरक्षा को सुनिश्चित रखा जा सके.

राजनाथ सिंह का कहना है कि भारत और चीन के बीच सीमा पर अधिकतर शांति रही है. लेकिन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर डिफरेंस इन परसेप्शन के कारण समय-समय पर स्थानीय स्तर पर अप्रिय स्थिति पैदा हो जाती है, जिसका मूल कारण है कि भारत और चीन के बीच कॉमन एलएसी का अभाव है. राजनाथ सिंह कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के उन आरोपों का जवाब दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि सरकार चीनी घुसपैठ को नजरअंदाज कर रही है.

राजनाथ सिंह ने कहा कि इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए भारत और चीन के बीच कई मिकैनिज्मस का सहारा लिया जाता है, जैसे दोनों सेनाओं के स्थानीय कमांडर के बीच बॉर्डर पर्सनल मीटिंग्स, फ्लैग मीटिंग हॉटलाइन. ताकि आमने-सामने आने वाली स्थितियों को नियंत्रित किया जा सके. इसके अलावा दीर्घकालीन विषय के लिए राजनीतिक स्तर पर भी स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव टॉक्स एनएसए स्तर पर और वर्किंग मेकैनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन ज्वाइंट सेक्रेट्री स्तर पर होते हैं.

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राजनाथ सिंह का कहना है कि अप्रैल 2018 में वहान शहर में भारत और चीन के शीर्ष नेताओं के बीच एक अनौपचारिक शिखर वार्ता हुई. इस वार्ता में भारत चीन की सीमा पर ही शांति और भाईचारे को बनाए रखने पर जोर दिया गया. इस शिखर वार्ता के बाद दोनों देशों ने अपनी-अपनी सेनाओं को स्ट्रैटेजिक गाइडेंस जारी किया, ताकि दोनों देशों की सीमाओं पर बेहतर संवाद और विश्वास कायम हो सके और बॉर्डर अफेयर्स का मैनेजमेंट ज्यादा बेहतर हो.

राजनाथ सिंह का कहना है कि डोकलाम की घटना अगस्त 2017 में हुई थी. इस विषय पर सदन में विस्तार से चर्चा हो चुकी है और सरकार ने अपना पक्ष रख दिया था. इस बारे में मुझको कुछ कहना नहीं है. इस समय डोकलाम में दोनों पक्ष संयम रख रहे हैं.

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