योगी सरकार ने किसानों को दिया बड़ा तोहफा, हर महीने मिलेगा 3000 रुपये

गंगा किनारे औद्यानिक खेती करने वाले किसानों को राज्य सरकार प्रतिमाह 3000 रुपये देगी। उद्यान विभाग ने इसके लिए कार्ययोजना तैयार की है, जिसमें प्रदेश में गंगा नदी के किनारे के क्षेत्रों में नमामि गंगे औद्यानिक विकास योजना शुरू करने की वकालत की गई है।

कार्ययोजना के क्रियान्वयन के लिए विभाग ने सरकार से 144.30 करोड़ रुपये की मांग की है। जिससे किसानों व बागवानों को उद्यान लगाने या औद्यानिक खेती करने के लिए अगले तीन सालों तक प्रतिमाह 3000 प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है।

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सूत्रों का कहना है कि सरकार के इस प्राथमिकता वाले कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए उद्यान विभाग की कार्ययोजना को वित्त के पास भेज दिया गया है ताकि नमामि गंगे कार्यक्रम के दौरान ही घोषणाएं की जा सके। योजना में इस बात का भी प्रावधान किया गया है कि इसे अगले पांच सालों तक लगातार चलाया जाएगा। इसे प्रदेश में गंगा किनारे के सभी 26 जिलों में कुल 12000 हेक्टेयर क्षेत्र में लागू किया जाएगा। जिसके तहत नए उद्यान या बागान लगाए जाएंगे।

सभी 26 जिलों में गंगा के तटवर्ती गांवों में कुल 78 गंगा नर्सरियां भी विकसित की जाएंगी। जहां प्रदेश के अलग-अलग कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार फलदार व शोभाकार के अलावा छायादार वृक्षों के पौधे तैयार किए जाएंगे। ये ऐसे-ऐसे किस्मों के पौधे होंगे जो पर्यावरण सुधार के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

50 फीसदी अनुदान की है व्यवस्था
कार्ययोजना के तहत स्थापित होने वाली ‘गंगा नर्सरी’ के लिए 50 फीसदी तक अनुदान का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार से 15 लाख रुपये में स्थापित होने वाली गंगा नर्सरी के लिए 7.50 लाख रुपये किसान या बागवान को अनुदान के रूप में प्राप्त होगा।

पूरब से पश्चिम तक गंगा किनारे संचालित होगी योजना
नमामि गंगे यात्रा के तहत पड़ने वाले 26 जिलों के 1026 ग्राम पंचायत तथा 1638 राजस्व ग्रामों में उद्यान विभाग की योजना क्रियान्वित की जाएगी, जो वित्तीय वर्ष 2025-26 तक प्रभावी रहेगी। इसमें कृषि जलवायु क्षेत्रों को ध्यान में रखकर पौधों अथवा बीजों के किस्मों का चयन किया जाएगा। लगाए जाने वाली नर्सरियां पूरी तरह से आर्गेनिक होंगी।

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