यूपी सरकार ने पूर्व सपा सरकार में दिए गए 700 करोड़ का ठेका किया रद्द

700 करोड़ रुपये की बंदरबांट वाली पंजीरी के ठेके निरस्त कर दिए गए हैं। तीन महीने के भीतर नए टेंडर कराए जाएंगे। हालांकि तब तक पुरानी फर्मों से ही पंजीरी की आपूर्ति ली जाएगी।
यूपी सरकार ने पूर्व सपा सरकार में दिए गए 700 करोड़ का ठेका किया रद्द
 
सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया। साल भर बिना टेंडर के पंजीरी बांटने के खेल के बाद विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को अंधेरे में रखकर टेंडर की इजाजत ले ली गई थी।

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सचिव, बाल विकास एवं पुष्टाहार अनीता मेश्राम ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक साल में 300 दिन पुष्टाहार का वितरण अनिवार्य है। इसलिए नए टेंडर होने तक पहले से आपूर्ति कर रहीं फर्मों से ही वर्ष 2013 की निर्धारित दरों पर आपूर्ति ली जाएगी।

अगर टेंडर प्रक्रिया तीन महीने से पहले पूरी कर ली गई तो पुरानी फर्मों को आपूर्ति के लिए बढ़ाई गई अवधि स्वत: समाप्त हो जाएगी। उन्होंने बताया कि नई टेंडर होने के बाद आपूर्ति ब्लॉक स्तर के बजाय आंगनबाड़ी केंद्रों के स्तर पर होगी। पंजीरी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कई स्तरों पर जांच के साथ ही प्रमाणपत्र लेने की व्यवस्था भी की गई है।

जिनके खिलाफ शिकायतें उन्हीं को दिए गए टेंडर

दरअसल, सपा सरकार के अंतिम दिनों में उन्हीं फर्मों को दोबारा टेंडर दे दिए गए थे, जिनके खिलाफ तमाम शिकायतें थीं। हालांकि, फाइनल वर्क ऑर्डर के लिए जब यह फाइल विभागीय मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री अखिलेश के पास पहुंची तो उन्होंने दस्तखत करने से इनकार कर दिया।

नतीजतन, चयनित फर्में जिलों में पंजीरी आपूर्ति का काम शुरू नहीं कर पाईं। अब पंजीरी वितरण में करोड़ों का घपला सामने आने के बाद योगी सरकार ने टेंडर निरस्त कर दिए।

 28 मार्च को ‘बिना टेंडर बांट दी 700 करोड़ की पंजीरी’ खबर प्रकाशित कर बता दिया था कि कैसे साल भर बिना टेंडर के पंजीरी बांटी जाती रही और आचार संहिता के दौरान टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई। चुनाव आयोग को अंधेरे में रखकर इसकी इजाजत भी ले ली गई।
 
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