युवक और युवती के सिर कटे शव मिलने के मामले में आया ये नया मोड़, पुलिस का दावा है कि…

यहां खालसा पब्लिक स्कूल के पास मंगलवार देर रात युवक और युवती के सिर कटे शव मिलने के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने दावा किया है कि उनकी हत्या नहीं की गई बल्कि हादसे में उनकी जान गई है। पुलिस के अनुसार, उनकी ओवर स्‍पीड स्‍कूटी सड़क के किनारे ग्रिल से टकरा गई और युव व युवती के सिर ग्रिल से कट गए। लेकिन, जिस तरह से उनके सिर कटे हुए थे इससे पुलिस के दावे पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं।

प्रत्यक्षदर्शी ने बयान में कहा- ओवरस्पीड एक्टिवा अंधेरे में बीआरटीएस लेन की ग्रिल से टकराई

पुलिस कमिश्नर सुधांशु शेखर श्रीवास्तव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एक्टिवा सवार तीन लोग बीआरटीएस ग्रिल से टकरा गए थे। मृतकों की पहचान खजाना गेट निवासी सुमित कुमार उर्फ मिक्की और बटाला के धर्मकोट गांव निवासी मंजीत कौर के रूप में हुई है। वहीं ग्रिल से टकराने के बाद सिर धड़ से कैसे अलग हो सकता है इस सवाल के जवाब में पुलिस केवल इतना ही कह रही है कि फोरेंसिक जांच में सामने आया है कि हादसे के दौरान दोनों के सिर काफी जोर से ग्रिल से हिट होने के बाद कटे हैं।

घटनास्‍थल पर जांच करते पुलिस अधिकारी।

ग्रिल में फंसकर अलग हो गए दोनों के सिर, स्कूटी सवार तीसरे युवक की अस्पताल में हालत गंभीर

पुलिस कमिश्नर सुधांशु शेखर श्रीवास्तव ने बताया कि ओवरस्पीड एक्टिवा रात 11 बजे ग्रिल से टक्कर हो गई। एक्टिवा चला रहे सुमित और पीछे बैठी मंजीत कौर की गर्दन लोहे की ग्रिल से इतनी जोर से टकराई कि धड़ से अलग हो गईं। वहीं उनके पीछे बैठे घनुपुर काले गांव निवासी रघुराजा के सिर पर गहरी चोट लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका एक निजी अस्पताल के आइसीयू में उपचार चल रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मंजीत कौर के पति की कुछ समय पहले मौत हो चुकी है। सुमित का लाटरी और सब्जी का काम है। तीनों रात को एक ही एक्टिवा पर सवार होकर छेहरटा से भंडारी पुल की तरफ जा रहे थे और उक्त स्थान पर हादसा हो गया। इन सभी के आपसी संबंध को लेकर जांच जारी है।

प्रत्यक्षदर्शी बस शेल्टर के गार्ड ने दिया बयान

घटनास्थल पर रात 11 बजे बीआरटीएस के बस शेल्टर में गार्ड अजय कुमार मौजूद था। उसने बताया कि रात को हादसे के दौरान काफी अंधेरा था और करीब 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से एक्टिवा वहां से गुजरी और अनियंत्रित होकर सीधे बीआरटीएस की ग्रिल से जा टकराई। महिला और चालक की गर्दनें सीधे ग्रिल से टकराने के बाद धड़ से अलग हो गईं।

सुमित के भाई अमित कुमार के अनुसार बुरी संगत में पड़ गया था। इसी कारण उसे करीब पांच साल जेल भी काटनी पड़ी। बुरी संगत के कारण उनके पिता ने 10-12 साल पहले सुमित को बेदखल कर दिया था। अमित के अनुसार लंबे समय से वह अपने भाई से नहीं मिला था। बुधवार को पुलिस ने उसकी मौत की खबर दी। वह रघुराजा और मंजीत कौर के बारे में कुछ नहीं जानता।

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हादसे और हत्या के बीच पहेली बना मामला

– हादसे के बाद तीनों स्कूटी सवारों की जेब से कोई पहचान पत्र नहीं मिला। तीनों के पास कोई भी दस्तावेज न होना हादसे पर सवाल खड़े कर रहा है।

– एक्टिवा पर कोई रजिस्टर्ड नंबर नहीं था। न ही उसमें कोई दस्तावेज मिला। शायद मालिक की पहचान छुपाई गई है।

– मरने वालों कब्जे से कोई मोबाइल भी नहीं मिला। तीनों के मोबाइल कहां गए, इसके बारे में पुलिस के पास भी जवाब नहीं है।

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