यहां 150 सालों से हो रही थी ईद की नमाज, अब सेना ने लगा दी रोक, ये है बड़ी वजह

कानपुर के कैंट स्थित चांदमारी ईदगाह में ईद-उल-अजहा (बकरीद) की नमाज पर सेना ने रोक लगा दी है। इसके लिए कानपुर स्टेशन मुख्यालय ने जिला प्रशासन को पत्र भेजा है। कहा है कि सेना की जमीन पर किसी भी धार्मिक गतिविधि को अंजाम नहीं दिया जा सकता है। प्रशासन से ईदगाह कमेटी के पदाधिकारियों को इस फैसले से अवगत कराने को कहा है। इस ईदगाह में पिछले 150 वर्षों से नमाज हो रही है। इस फैसले के संबंध में एडीएम सिटी धर्मेंद्र सिंह ने ईदगाह कमेटी के पदाधिकारियों से मुलाकात की है। फिलहाल इस फैसले से वहां पर नमाज पढ़ने वालों में नाराजगी है। शुक्रवार देर रात ओमपुरवा में शहरकाजी की अध्यक्षता में कमेटी के बैठक हुई। 
यहां 150 सालों से हो रही थी ईद की नमाज, अब सेना ने लगा दी रोक, ये है बड़ी वजह

इस क्षेत्र में फौजियों को ट्रेनिंग दी जाती है

सेना ने प्रशासन को भेजे पत्र में कहा है कि इस क्षेत्र में फौजियों को ट्रेनिंग दी जाती है। स्माल आर्म्स की ट्रेनिंग फौजियों को दी जाती है। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय के निर्देश है कि सेना की जमीन पर कोई धार्मिक गतिविधियां नहीं हो सकती हैं। इस मामले में ईदगाह कमेटी के मोहम्मद अनवर, मोहम्मद असगर, फसी अनवर, मोहम्मद हसीन ने कहा कि यहां पर 150 सालों से नमाज हो रही है। साल में सिर्फ दो नमाजें (ईद और बकरीद) होती हैं। शहरकाजी मौलाना आलम रजा नूरी पिछले 42 सालों से यहां नमाज पढ़ा रहे हैं। इससे पहले ईद पर भी नमाज की रोक लगाई गई थी लेकिन जिलाधिकारी ने सेना से इजाजत दिलाई थी। देर रात शहरकाजी के साथ हुई बैठक में कहा गया कि आपत्ति ठीक नहीं है। इसकी लड़ाई लड़ी जाएगी। एडीएम सिटी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि सेना ने चांदमारी ईदगाह में नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है। उनका पत्र आया है, जिसमें कहा गया है कि यहां पर धार्मिक कार्य नहीं हो सकते हैं।

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नमाजी बोले-‘कैंट ईदगाह में होगी नमाज, डीएम से मिलेंगे’

कानपुर कैंट की चांदमारी ईदगाह में ईद-उल-अजहा (बकरीद) की नमाज पर सेना की रोक के बाद शहरकाजी और मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ इलाकाई नमाजियों ने शनिवार को ओमपुरवा मस्जिद में बैठक की। रिटायर कर्नल जाहिदउल्ला सिद्दीकी की अध्यक्षता में हुई बैठक में नमाजियों ने हंगामा किया। शहरकाजी के उसी ईदगाह में नमाज पढ़ने के आश्वासन के बाद मीटिंग शुरू हो सकी। इसमें निर्णय लिया गया कि दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पिछले करीब 150 वर्षों से हो रही नमाज के दस्तावेज के साथ जिलाधिकारी से मुलाकात करेगा।

‘ट्रेनिंग कैंप पूरा कवर्ड है, ऐसे में कोई दिक्कत नहीं’

ईदगाह कमेटी के पदाधिकारी जमील अहमदने कहा कि सेना का ट्रेनिंग कैंप पूरा कवर्ड है, ऐसे में कोई दिक्कत नहीं है। कमेटी के महासचिव ने कहा कि सालों से यहां नमाज पढ़ रहे हैं, सेना हमेशा मदद करती है। कानून व्यवस्था पर यकीन है। कैंट से कांग्रेस विधायक सुहेल अंसारी ने इस मामले में पूरा साथ देने का भरोसा दिया। शहरकाजी मौलाना आलम रजा नूरी ने कहा कि हर साल सिर्फ दो बार दो घंटे के लिए ईदगाह में ईद और बकरीद की नमाज होती है। इससे कानून व्यवस्था में कभी खलल नहीं पड़ा। मीटिंग का संचालन हाफिज सगीर आलम हबीबी ने किया। इसमें चौधरी जियाउल इस्लाम, सपा शहर अध्यक्ष फजल महमूद, हाजी मोहम्मद अनवर, अब्दुश्शकूर घोसी, मुतवल्ली शौकत अली पहलवान, जमील अहमद ठेकेदार, हसीन अहमद, मोहम्मद असगर, फसी अनवर, मोहम्मद इमरान आदि मौजूद रहे।
 
 
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