मोदी सरकार चुनाव से पहले 100% देगी यह 2 तोहफे, आपके जीवन में सीधा यहाँ पड़ेगा असर

मोदी सरकार के लिए 2019  का साल काफी अहम माना जा रहा है. दरअसल, इस साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में माना जा रहा है कि चुनाव से पहले मोदी सरकार जनहित के कई बड़े फैसले ले सकती है. सरकार दो ऐसे भी फैसले करने वाली है जिसका सीधा असर नौकरी पेशा वाले लोगों के रिटायरमेंट फंड  PF पर पड़ने वाला है. आज हम आपको इस रिपोर्ट में इन्‍हीं दो फैसलों के बारे में बताने जा रहे हैं.

पीएफ पर ब्‍याज दर बढ़ेगा!

अगर खबरों की मानें तो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) मौजूदा वर्ष में एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रहा है. इस संबंध में जनवरी महीने के आखिरी हफ्ते तक ईपीएफओ फैसला ले सकता है. EPFO की इस पहल का सीधा फायदा इसके करीब 6 करोड़ खाताधारकों को होगा. फिलहाल, EPFO की ब्याज दर 8.55 फीसदी है. सूत्रों के मुताबिक EPFO का इंटरनल रिव्यू होगा और इसी दौरान ब्याज दर बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा.सरकार के इस फैसले का असर सीधे आपके पीएफ अकाउंट पर पड़ने वाला है क्‍योंकि ब्‍याज दर बढ़ने से आपके पीएफ का पैसा भी बढ़ेगा.

निवेश को बढ़ाने या घटाने का विकल्प

ईपीएफओ अपने खाताधारकों को जमा फंड से शेयर बाजार में किए जाने वाले निवेश को बढ़ाने या घटाने का विकल्प दे सकता है. इसके अलावा ईपीएफओ अब एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है जो पीएफ में कैश और ईटीएफ के हिस्से को अलग-अलग दिखाएगा. वर्तमान में खाते में सिर्फ बचत दिखाई देती है.

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इस सॉफ्टवेयर क्‍या मकसद क्‍या है

दरअसल, इस सॉफ्टवेयर के जरिए मोदी सरकार एक तरह से आपको पीएफ के पूरे पैसे का हिसाब बताएगी.अभी जब भी आप पीएफ अकाउंट लॉग इन करते हैं तो आपको सिर्फ एकमुश्त रकम दिखाई देती है. लेकिन आपको ये पता नहीं चलता है कि आपके पैसे को मैनेज करने वाली EPFO उसे कहां और कितना-कितना निवेश कर रही है. लेकिन नई प्रणाली लागू होने के बाद जब आप पीएफ अकाउंट देखेंगे तो यह पता होगा कि आपका पैसा कहां निवेश हो रहा है. इसके साथ ही अगर आप शेयर बाजार में अपने निवेश का हिस्सा बढ़ाना या घटाना चाहते हैं तो वो भी आसानी से कर सकेंगे.

आपका पैसा अभी कहां निवेश होता है

वर्तमान में ईपीएफओ खाताधारकों के जमा का 15 फीसदी तक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश करता है. इस फंड में अब तक करीब 55,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. हालांकि, ईटीएफ में किया गया निवेश अंशधारकों के खाते में नहीं दिखाई देता है और न ही उनके पास अपनी भविष्य की इस बचत से शेयर में निवेश की सीमा बढ़ाने का विकल्प है.  ईपीएफओ इसके अलावा कई अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ और कोष के प्रबंधन के डिजिटल साधन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करा सकता है.

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