मोदी राज में पहली बार कांग्रेस ने भाजपा से छीना ‘ताज’

भाजपा के अनवरत चल रहे विजयरथ को एकाएक तगड़ा झटका लगा है। साल 2018 भाजपा के लिए अच्छा नहीं रहा है। उसे ज्यादातर जगहों पर हार का मुंह देखने को मिला है। आज पांच राज्यों में चुनाव के नतीजे आने से साफ हो गया है कि जनता भाजपा शासन से खुश नहीं है। राजस्थान और मध्यप्रदेश में जहां कांग्रेस भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही है। वहीं 15 साल बाद छत्तीसगढ़ भाजपा के हाथ से फिसल गया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह की चावल योजना भी भाजपा को जीत का स्वाद चखाने में नाकामयाब रही है।

2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से कांग्रेस के साथ हुई सीधी लड़ाई में पहली बार भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ रहा है। इससे पहले भाजपा को कर्नाटक और पंजाब में भी हार मिली थी लेकिन पंजाब में भाजपा की सीधी लड़ाई कांग्रेस से नहीं थी। उसने वहां अकाली दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। वहीं कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद कांग्रेस उसके हाथों से सत्ता खींचकर ले गई थी। 

भाजपा ने कांग्रेसमुक्त नारा दिया था। पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की विजयी जोड़ी ने साढ़े चार सालों में एक-एक करके कांग्रेस को हर राज्य से बेदखल करने का काम किया था। अब इस विजय रथ के पहिये रुक गए हैं। कांग्रेस को एक बार फिर से मजबूत करने की लगातार कोशिश में लगे राहुल गांधी के लिए यह नतीजे लोकसभा चुनाव से पहले काफी अहम हैं।

राहुल ने एक साल पहले आज ही के दिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाला था। यह संयोग ही है कि आज ही के दिन कांग्रेस तीन राज्यों में जीत मिलती नजर आ रही है। छत्तीसगढ़ में तो भाजपा के 15 सालों का अंत हो ही गया है। मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस सेंध लगा चुकी है। राजस्थान की बात करें तो यहां की जनता ने पांच साल बाद सरकार बदलने की अपनी पुरानी परंपरा को जारी रखा है।

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