मोदी कैबिनेट ने लिए बड़े फैसले, आम आदमी होगा सीधा फ़ायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट ने नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन को मंजूरी दे दी है. टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन के साथ-साथ कैबिनेट ने सरोगेसी एमेंडमेंट एक्ट को भी मंजूरी दे दी है. इसके जरिए सरोगेसी कानून को और सख्त बनाना है. इसके अलावा फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के दो इंस्टीट्यूट को राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा देने पर भी फैसला हुआ है.

नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन को मंजूरी- कैबिनेट बैठक में नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन को मंजूरी मिल गई है. इस मिशन से देश में टेक्सटाइल इंडस्ट्री को राहत मिलेगी. बता दें कि 1 फरवरी, 2020 को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन की घोषणा की थी.

भारत हर साल करीब 1600 करोड़ डॉलर (करीब 1.13 लाख करोड़ रुपये) के टेक्निकल टेक्सटाइल इम्पोर्ट करता है. आयात में कटौती के लिए इस मिशन पर 1,480 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. आपको बता दें कि टेक्निकल टेक्सटाइल का इस्तेमाल अलग-अलग सेक्टर में किया जाता है यानी मेडिकल सेक्टर्स से लेकर एग्रो सेक्टर में भी इसका इस्तेमाल होता है. अगर आसान शब्दों में कहें तो टेक्नोलॉजी के जरिए ऐसे प्रोडक्ट बनाए जाते है जो उस सेक्टर को बढ़ावा देने में मदद करते है.

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टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि National Mission for Technical Textile के संबंध में उद्योग से कई बार मांग उठी. इसका प्रयोग डिफेंस कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर में होता है. इसके लिए 1480 करोड़ का आवंटन किया गया है. 207 टेक्निकल टेक्सटाइल के कोड पीएम मोदी के नेतृत्व में बने. इसके जरिए 50 हज़ार लोगों को स्किल करने व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने बताया कि सरोगेसी कानून में बदलाव किए गए हैं.

(1) महिला विधवा हो या तलाकशुदा उसे भी सरोगेसी का अधिकार है.
(2) सरोगेट मदर के मेडिकल कवर को भी बढ़ाया गया है.

क्या है नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन?टेक्सटाइल में नए अनुसंधान कर कई तरह के बहुपयोगी वस्त्र बनाने को टेक्निकल टेक्सटाइल कहा जाता है. यह कपड़ा सड़क निर्माण, बाढ़ अवरोधक, अग्निरोधक, एंटीबेक्टिरियल, मेडीकल, कृषि उद्योग में ग्रीन हाउस, पैकेजिंग टेक्सटाइल, स्पोट्र्स टेक्सटाइल आदि के लिए बनाया जा रहा है. इसमें वेल्यू एडीशन से उत्पादकों को फायदा मिल रहा है.

परंपरागत टेक्सटाइल का 50 बिलियन डॉलर का निर्यात होता जबकि 16 बिलियन डॉलर का टेक्निकल टेक्सटाइल का आयात कर रहे हैं. सरकार ने आयात कम करने एवं घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए बजट में 1,480 करोड़ के प्रावधान से नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन की स्थापना की घोषणा की.

सरकार का यह मिशन 2020-2021 से 2023-2024 के बीच लागू किया जाएगा. बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि उद्योग और कॉमर्स के विकास और प्रमोशन के लिए 27,300 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं. साथ ही यह भी कहा है कि केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों के निर्यातकों की ड्यूटीज और टैक्सेज में इस वर्ष से डिजिटल रिफंड की अनुमति दी जाएगी.

आपको बता दें कि इससे पहले भी देश में कॉटन उत्पादन बढ़ाने के लिए कॉटन मिशन शुरू किया गया था. इसके बाद प्रति हेक्टेयर कॉटन का उत्पादन ढाई से तीन गुना बढ़ गया था.

क्या होती है सरोगेसी- कोई भी शादीशुदा कपल बच्चा पैदा करने के लिए किसी महिला की कोख किराए पर ले सकता है. सरोगेसी से बच्चा पैदा करने के पीछे कई वजहें हैं. जैसे कि अगर कपल के अपने बच्चे नहीं हो पा रहे हों, महिला की जान को खतरा है या फिर कोई महिला खुद बच्चा पैदा ना करना चाह रही हो.

फूड प्रोसेसिंग कारोबार को बढ़ावा देने की तैयारी-  भारत दुनियाभर में फल और सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. हालांकि उत्पादन के 10 फीसदी से कम की ही प्रोसेसिंग हो पाती है. जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थ बड़ी मात्रा में बर्बाद हो जाते हैं. सरकार पिछले कुछ साल में ऐसे खाद्य पदार्थों के प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निवेश लाने पर ध्यान दे रही है.

इससे देसी और वैश्विक खाद्य प्रसंस्करण बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी. योजना का मकसद ग्रामीण स्तर पर प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाना और किसानों की आय दोगुनी करना है.

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