मिस्‍टर प्रेसीडेंट नहीं तो आपकी ही पीठ में छुरा भोकेंगा पा‍क!

attack-on-cia-in-afghanistan-14-1460615491-1-300x225एजेन्सी/ वाशिंगटन। अमेरिका और पाकिस्‍तान दुनिया के दो ऐसे देश हैं जिनके बीच के रिश्‍ते को समझना बड़ी ही टेढ़ी खीर है। अमेरिका एक ओर तो पाकिस्‍तान को आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार करार देता है तो दूसरी ओर उसके लिए अरबों डॅलर की मदद को रिलीज करने में देर नहीं लगता है।

अब जो नई खबर आई उसके बाद भी अगर अंकल सैम के कानों पर जूं नहीं रेंगी तो फिर वह दिन दूर नहीं होगा जब पाक, अमेरिका के लिए सबसे बड़ा नासूर बन जाएगा।
अमे‍रिका की मदद अमेरिका के ही खिलाफ इस नई खबर ने इस बात को भी सिद्ध कर दिया है कि कैसे पाक, अमेरिका से मिल रहे अरबों डॉलर के फंड को उसके ही खिलाफ प्रयोग करने में लगा है। अमेरिका की नेशनल सिक्‍योरिटी अर्काइव ने कुछ केबल्‍स रिलीज किए हैं। इन केबल्‍स के अनुसार 30 दिसंबर 2009 को अफगानिस्‍तान स्थित सीआईए के कैंप पर जो हमला हुआ था वह और किसी और ने नहीं बल्कि पाक की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई ने ही प्रयोजित किया था। आईएसआई ने रची हमले की साजिश आईएसआई ने आतंकियों को इस हमले के लिए पैसे और तमाम जरूरी मदद मु‍हैया कराई थी। आपको बता दें कि उस सम अफगानिस्‍तान में अमेरिकी अभियान जारी था और राष्‍ट्रपति ओबामा के कार्यकाल को भी एक वर्ष बीता था। इस हमले में सीआईए के सात एजेंट्स और कुछ कांट्रैक्‍टर्स की मौत हो गई थी।

हक्‍कानी नेटवर्क को मिले दो लाख डॉलर कुछ नागरिकों को भी इस हमले में जान गंवानी पड़ी थी। इन केबल्‍स के मुताबिक पाक के हक्‍कानी नेटवर्क को इस हमले के बाद आईएसआई की ओर से दो लाख डॉलर की रकम अदा की गई थी। यह हमला डबल एजेंट और जॉर्डन के डॉक्‍टर अबु-मुलरल अल बालावी ने किया था और यह एक सुसाइड अटैक था। सीआईए बालावी की मदद से उस समय अल कायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन को तलाश रही थी। बालावी ने दिया अमेरिका को धोखा बालावी ने सीआईएस की पीठ में छुरा भोंका और इस हमले को अंजाम दिया। हमले में सीआईए की महिला एजेंट जेनिफर लाएने मैथ्‍यू और हैनसन मारे गए थे। जेनिफर के पास उस समय सीआईए का बेस कमांड संभालने की जिम्‍मेदारी थी। नेशनल अर्काइव की ओर से रिलीज यह केबल्‍स आज और भी अहम इसलिए हो जाते हैं क्‍योंकि अमेरिकी ने कुछ दिनों पहले पाक के लिए आठ एफ-16 फाइटर जेट्स की डील को मंजूरी दे दी है।

 
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