मां की लाश के साथ 5 दिन तक सोती रही बेटी, जब पड़ोसियों ने पूछा तो बोली-आराम कर रही है माँ

कल्याणपुर के आवास विकास संख्या-3 स्थित अंबेडकर नगर में घर के अंदर एक बेटी ने पांच दिन तक मां की लाश के साथ गुजारे। वह पूरा दिन घर के अंदर रहती, मां के पास चाय और बिस्किट रखती और रात में लाश के साथ सो जाती थी। पड़ोसियों के पूछने पर कहती- मां आराम कर रही है…। शुक्रवार देर रात जब पड़ोसी घर के अंदर घुसे तो नजारा देखकर सन्न रह गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया तो महिला की चार-पांच दिन पहले मौत होने की बात सामने आई है। पुलिस ने घटना की छानबीन शुरू की है। महिला के मायके वाले बेटी को साथ ले गए हैं।

पति की मौत के घर में अकेली रहती थीं मां-बेटी

पुलिस के अनुसार सिंचाई विभाग में अकाउंट अफसर रहे मदनलाल द्विवेदी का वर्ष 2005 में देहांत हो गया था। इसके बाद उनकी 61 वर्षीय पत्नी श्यामा देवी ने अंबेडकरपुरम में मकान खरीदा और 17 वर्षीय बेटी अपर्णा के साथ रहने लगी थीं। पड़ोसियों ने बताया कि कुछ माह से श्यामा मानसिक रूप से बीमार थीं और वह बात-बात पर लोगों से झगड़ जाती थीं। साथ रहते-रहते बेटी भी मानसिक बीमार हो गई थी, शाम होते ही मां-बेटी अंदर से ताला बंद कर लेती थीं। पहले मोहल्लेवाले उन्हें खाना दे दिया करते थे लेकिन गालीगलौज कर सामान फेंकने लगीं तो फिर कोई मदद करने नहीं जाता था।

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घर से बदबू आने पर हुआ संदेह

पड़ोसियों को कुछ दिन से श्यामा घर के बाहर दिखाई नहीं दी थीं। अपर्णा दरवाजा खोलकर बाहर बैठ जाती थी और पूछने पर कहती कि मां आराम कर रही है। शुक्रवार देर रात तेज दुर्गंध उठने पर लोगों ने अंदर जाकर देखा तो बिस्तर पर श्यामा का शव पड़ा था। उनकी मौत कई दिन पूर्व हो चुकी थी और पूरे कमरे में गंदगी थी। शव के पास चाय और बिस्किट रखे थे। जब अपर्णा आकर वहीं श्यामा के शव के पास लेट गई तो पड़ोसी सन्न रह गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने रायपुरवा निवासी श्यामा के भाई मुकुलेश को बुलाया। चौकी प्रभारी आनंद कुमार ने बताया कि शव सड़ चुका था। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने शव करीब पांच दिन पुराना होने की बात कही है, विसरा सुरक्षित किया गया है।

मानसिक बीमार हो गए थे मां-बेटी

भाभी सर्वेशलता ने बताया कि मदनलाल ने श्यामा से वर्ष 1992 में दूसरी शादी की थी। उनकी पहली पत्नी से एक बेटा विजय है, जो अपनी पत्नी बच्चों संग लखनऊ इंदिरानगर में रहता है। पेंशन से मां-बेटी का गुजारा चलता था। कभी कबार पति मुकुलेश मिलने चले जाते थे। कई माह से वह मानसिक रूप से बीमार थीं और कई बार लोगों से झगड़ जाती थीं। बेटी अपर्णा को ले जाकर उसका इलाज कराएंगे। पुलिस के पूछने पर अपर्णा ने कहा कि सुबह चाय बनाई, बिस्कुट दिए लेकिन मम्मी कुछ बोल नहीं रही थीं तो सोचा कि खुद ही खा लेंगी।

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