भोपाल नगर निगम में बंटवारे को लेकर भाजपा पार्षदों ने कलेक्टर से की भेंट….
इन दिनों भोपाल नगर निगम को दो भागों में बांटकर शहर विकास किए जाने की कवायदें की जा रही हैं, मगर इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच तलवारें खींच गई हैं। महापौर और भारतीय जनता पार्टी के पार्षद दल इसे लेकर कलेक्टर से मिलने गए। इसके पूर्व पार्षद दल ने विरोध करते हुए मीडिया से चर्चा में कहा कि इस बंटवारे से भोपाल का बंटाढार हो जाएगा। विकास की गति प्रभावित होगी। खुद महापौर आलोक शर्मा ने कांग्रेस सरकार के इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज उनकी अगुवाई में भाजपा पार्षद नगर निगम के बंटवारे के प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए कलेक्टर से मिलने पहुंचे।
इस मौके पर भोपाल के महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि, “भोपाल को दो भागों में बांटने से शहर का विकास रूक जाएगा। दो भागों में बांटने से जनता को असुविधा होगी। लोगों को जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने के लिए काफी दूर जाना होगा। जिससे लोगों का समय अधिक लगेगा। विकास के कई कार्य भोपाल को दो भागों में बांटे जाने से प्रभावित होंगे।
महापौर ने इस फैसले के खिलाफ विरोध जताते हुए कहा कि, “भोपाल नगर निगम का संचालन टैक्स से किया जाता है। केंद्र सरकार ने अमृत मिशन के तहत भोपाल नगर निगम को एक हजार करोड़ की राशि भेजी है। इसका एक तिहाई हिस्सा राज्य सरकार तो 17 फीसदी अंशदान भोपाल नगरनिगम को मिलाना था। इसके लिए निगम ने बॉन्ड जारी कर 175 करोड़ रुपए जुटाए थे। ऐसे में अगर भोपाल नगर निगम का बंटवारा हो जाता है तो शहर में चल रहे विकास कार्यों पर ब्रैक लग जाएगा।” महापौर ने साफ कर दिया कि अगर इस मसले पर न्यायालय भी जाना पड़ेगा तो वो जाएंगे।
कहा जा रहा है कि पुराने शहर में जमीन की उपलब्धता काफी कम है ऐसे में कई आवासीय प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। शहर के बाणगंगा क्षेत्र में भी आवासीय योजना के लिए कार्य किया गया तो इसके लिए बहुत दूरी पर जमीन मिल सकेगी। ऐसे में लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।