भारत ने फलस्तीनी शरणार्थियों के लिये UN एजेंसी में योगदान बढ़ाने की अपील की…

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने फलस्तीनी शरणार्थियों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र एजेंसी में वित्तीय संकट पर चिंता जताई है और विभिन्न देशों से इसमें योगदान बढ़ाने की अपील की है. इसके साथ ही भारत ने कहा कि यह समर्थन लाखों फलस्तीनी शरणार्थियों के साथ अपनी एकजुटता जारी रखने का व्यावहारिक तरीका होगा. फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) की स्थापना सात दशक पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई गयी थी. यह एजेंसी 54 लाख फलस्तीनी शरणार्थियों की देखभाल करती है.भारत ने फलस्तीनी शरणार्थियों के लिये UN एजेंसी में योगदान बढ़ाने की अपील की...

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव महेश कुमार ने यहां सोमवार को कहा कि यूएनआरडब्ल्यूए के सभी संसाधन स्वैच्छिक योगदान से आते हैं और दान देने वालों की संख्या भी सीमित है . यह व्यवस्था अनिश्चितताओं से भरी हुई है. यूएनआरडब्ल्यूए पर संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में कुमार ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य सहित विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में फलस्तीनी शरणार्थियों की सेवाएं ऐसी स्थिति में प्रभावित हो सकती हैं.

उन्होंने कहा कि पर्याप्त, सतत और अनुमानित वित्त पोषण के प्रावधान किए जाने होंगे तथा नियमित बजट से अतिरिक्त संसाधनों के आवंटन पर विचार किया जा सकता है. उन्होंने रेखांकित किया कि संयुक्त राष्ट्र बोर्ड ऑफ ऑडिटर की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि एजेंसी को अनुमानित तौर पर कुल 45 करोड़ डॉलर का कम योगदान प्राप्त हुआ है.

यह चिंता का कारण है. कुमार ने कहा कि हम अन्य पारंपरिक दाताओं से यूएनआरडब्लूए में योगदान बढ़ाने पर विचार करने के लिए अपील करते हैं. इसके अलावा ऐसे सदस्य जो योगदान नहीं करते, उनसे दान करने के लिए विचार करने की अपील करते हैं. अमेरिका के ट्रम्प प्रशासन ने अगस्त में कहा था कि अमेरिका यूएनआरडब्ल्यूए में अतिरिक्त योगदान नहीं देगा.

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