भारत को टाइम पर मिलेगा S-400 डिफेंस सिस्टम

रूसी राष्ट्रपति ने कहा है कि सबकुछ सही दिशा में आगे बढ़ रहा है और भारत को एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 की आपूर्ति तय समय पर की जाएगी। ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने ब्राजीलिया पहुंचे रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यह बात कही है। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया है कि उनके भारतीय साथी प्रधानमंत्री मोदी ने इस सौदे की प्रक्रिया को तेज करने के लिए कोई आग्रह नहीं किया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का यह बयान रूस और भारत के बीच हुए डिफेंस सिस्टम के 5.43 अरब डॉलर (40 हजार करोड़ रुपए) के सौदे को लेकर बेहद अहम है।

पुतिन और मोदी ब्रिक्स समिट में भाग लेने ब्राजील आए थे। रूस और भारत के बीच हुए इस सौदे का अमेरिका विरोध कर रहा है और कई मौकों पर वह अपने प्रतिबंध कानूनों का हवाला देकर भारत पर दबाव डाल चुका है। भारत और रूस के बीच एस-400 डिफेंस सिस्टम को लेकर 2015 में सौदा हुआ था। अमेरिका तभी से इसका विरोध कर रहा है।

रूसी सिस्टम को दुनिया का सर्वोत्कृष्ट एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है। यह दुश्मन की ओर से होने वाले किसी भी हवाई हवाई हमले को 400 किलोमीटर दूरी पर ही खत्म करने में सक्षम है। यह मिसाइल, फाइटर प्लेन और हर तरह के ड्रोन को निशाना बनाने में सक्षम है। जबकि अमेरिका का बहुचर्चित थाड डिफेंस सिस्टम केवल मिसाइल हमले को ही रोक सकता है। भारत रूसी डिफेंस सिस्टम के लिए पूरी धनराशि का भुगतान कर चुका है, इसलिए इसकी आपूर्ति पूर्व निर्धारित समय से पहले होगी।

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सिस्टम की पहली बैटरी 2021 में भारत को मिल जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने बुधवार को ब्राजीलिया में समिट से इतर द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने आपसी समझौतों और सौदों की प्रगति की भी समीक्षा की। दोनों नेताओं ने आपसी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के तरीकों पर भी चर्चा की। भारत ने साफ कर दिया है कि वह किसी दबाव में आए बगैर अपने हितों के मुताबिक फैसले लेने की नीति पर चलता रहेगा। रूस के साथ उसके पुराने और प्रगाढ़ संबंध इसी नीति पर आगे बढ़ रहे हैं।

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