भारत के नाभिकीय त्रिकोण के पूरा होने पर PM मोदी ने INS अरिहंत के कर्मियों से की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत के स्ट्रेटजिक स्ट्राईक न्युकिल्यर सबमेरिन (एसएसबीएन) यानि नाभिकीय पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के अधिकारियों और कर्मियों से मुलाकात की। आईएनएस अरिहंत हाल ही में अपने पहले डेटरेंस पेट्रोल (निवारण गश्त) से लौटी है। पनडुब्बी के इस अभ्यास से भारत के नाभिकीय त्रिकोण की पूर्ण स्थापना हुई।भारत के नाभिकीय त्रिकोण के पूरा होने पर PM मोदी ने INS अरिहंत के कर्मियों से की मुलाकात

आईएनएस अरिहंत के सफल अभियान से भारत के नाभिकीय त्रिकोण की स्थापना के महत्व को रेखांकित करते हुए पीएम ने आईएनएस अरिहंत के कर्मीदल तथा अभियान से जुड़े सभी व्यक्तियों को बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि यह उपलब्धि भारत को उन गिने-चुने देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ी करती है। जो एसएसबीएन को डिजाइन करने, उसे बनाने और उसके संचालन करने की क्षमता रखते हैं।

पीएम ने कहा कि देश में ही एसएसबीएन के निर्माण और इसके सफल संचालन की क्षमता का विकास भारत की प्रोद्योगिकीय सामर्थ्य तथा सभी संबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों के बीच अभूतपूर्व समन्वय का प्रतीक है। उन्होंने सभी संबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों को देश की सुरक्षा को अत्यधिक सुदृढ़ बनाने वाली इस उपलब्धि के लिए समपर्ण और प्रतिबद्धता के साथ काम करने के लिए धन्यवाद दिया।

पीएम ने इस बात पर बल दिया कि परमाणु परीक्षणों की वैज्ञानिक उपलब्धि को एक अत्यंत जटिल और विश्वसनीय नाभिकीय त्रिकोण में बदल पाने का कार्य भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा और अनवरत प्रयासों तथा बहादुर सैनिकों के साहस और समर्पण की भावना से ही संभव हुआ है। इस नई उपलब्धि ने, भारत द्वारा नाभिकीय त्रिकोण स्थापित करने के लिए आवश्यक क्षमता और दृढ़ता के संबंध में उठाए जाने वाले सभी सवालों को खारिज कर दिया है।

पीएम ने कहा कि भारत के लोग शक्तिशाली भारत बनाने और नए भारत का निर्माण करने की आकांक्षा रखते हैं, और इसके लिए भारतीयों ने अनवरत प्रयासों के द्वारा अनेक चुनौतियों का सफलातपूर्वक सामना किया है। पीएम ने इस बात पर बल दिया कि एक सशक्त भारत न सिर्फ सवा सौ करोड़ से अधिक भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करेगा, बल्कि आज के अनिश्चिता तथा आशंकाओं से भरे विश्व में वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए आधार स्तंभ भी रहेगा।

पीएम ने सभी उपस्थित व्यक्तियों तथा उनके परिवारों को दीपावली के पर्व की शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने ये आशा भी व्यक्त की जिस प्रकार प्रकाश अंधकार का ही निवारण नहीं करता बल्कि भय को भी दूर करता है, उसी प्रकार आईएनएस अरिहंत भी देश को अभय करेगा।

एक जिम्मेदार राष्ट्र के रुप में भारत ने एक मजबूत न्यूक्लियर कमांड एंड कंट्रोल संरचना, प्रभावशाली सुरक्षा व्यवस्था और पूर्ण राजनैतिक नियंत्रण, देश की नाभिकीय कमांड प्राधिकरण (न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी) के अधीन स्थापित किए हैं। प्रामाणिक न्यूनतम निवारण (क्रेडिबल मिनिमम डिफेंस) और परमाणु हथियारों के प्रथम इस्तेमाल नहीं करने की अपनी नीति के प्रति, जो स्वर्गीय प्रधानमंत्री वाजपेयी की अध्यक्षता में कैबिनेट की सुरक्षा समिति ने 4 जनवरी 2003 को निर्धारित की थी, भारत प्रतिबद्ध है।

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