भाग्यशाली हूं कि IIM एंट्रेंस नहीं दिया, वरना साबुन कंपनी में मैनेजर होता: नीलेकणि

बेंगलुरु. इंफोसिस के को-फाउंडर और यूआईडीएआई के पूर्व प्रेसिडेंट नंदन नीलेकणि ने कहा है, “आईआईएम के एंट्रेंस में शामिल नहीं हो पाना मेरी खुशकिस्मती है। यदि होता तो मेरा सिलेक्शन हो जाता और आज मैं साबुन या किसी और कंपनी में मैनेजर की भूमिका निभा रहा होता।” यह बात उन्होंने मंगलवार को बंगलुरु में सीआईआई द्वारा ऑर्गनाइज इवेंट में कही। नौकरी की तलाश में एक छोटी कंपनी में चला गया…
भाग्यशाली हूं कि IIM एंट्रेंस नहीं दिया, वरना साबुन कंपनी में मैनेजर होता: नीलेकणि
 
– नीलेकणि ने कहा, “मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि आईआईएम एंट्रेस एग्जाम में शामिल नहीं हुआ। यदि होता तो मेरा सिलेक्शन हो जाता और आज मैं साबुन या किसी और कंपनी में मैनेजर की भूमिका निभा रहा होता।”
– “मैं नौकरी की तलाश में एक छोटी-सी कंपनी में चला गया, जहां नारायण मूर्ति ने मुझे एक मौका दिया। इसके बाद ही मैं उनसे जुड़ पाया। फिर हमने मिलकर इंफोसिस की नींव रखी और बाकी तो इतिहास है।”
– “बाद में तो इंफोसिस ने भी एंट्रेंस एग्जाम शुरू कर दी थी। यानी बाद में आता तो मुझे इंफोसिस में भी जगह नहीं मिल पाती। आईआईटी बॉम्बे में बिताया समय मेरे लिए निर्णायक रहा। वहां मिले अनुभवों ने मेरे लीडर बनने में बड़ी भूमिका निभाई है। मैं एक साधारण बच्चा था। पर आईआईटी में जाने के बाद बड़े बदलाव हुए।”
– “जब मुझे बड़े शहर में दोस्तों के बीच पढ़ने का माहौल मिला तो मेरा आत्मविश्वास बहुत बढ़ गया। यही कारण था कि मुझमें लीडरशिप क्वालिटी आई।”

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GST से रोजगार के मौके पैदा होंगे
– नीलेकणि ने ये भी कहा, “देश में जॉब ग्रोथ को लेकर मेरा मानना है, जीएसटी के जरिये डिजिटल फुटप्रिंट्स मिल रहे हैं और इससे कंपनियों का डाटा बढ़ रहा है।”
– “जीएसटी में शामिल करीब 80 लाख छोटे बिजनेस अब कर्ज लेना शुरू करेंगे। जब वे कर्ज लेंगे तो आगे बढ़ेंगे, तरक्की करेंगे। इससे रोजगार के मौके पैदा होंगे। छोटे बिजनेस डाटा की कमी से लोन नहीं ले पा रहे थे। बिग डाटा इस दिशा में बड़ी मदद करेगा। इससे जॉब ग्रोथ की समस्या भी दूर हो सकेगी।”
– “अब जरूरत प्राइवेसी के लिए बुनियादी ढांचा बनाने की है, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा लोग डाटा का इस्तेमाल मोबाइल के जरिए कर रहे हैं।”
– “हालांकि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएन श्रीकृष्ण के नेतृत्व में डाटा प्रोटेक्शन कमेटी बनाई गई है जो डाटा की सेफ्टी और प्राइवेसी के मुद्दों को देख रही है। इस कमेटी की रिपोर्ट का पूरे देश को इंतजार है।”
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