योगी के CM बनते ही राजनीतिक पंडित ने किया खुलासा 2019 तक खत्म हो जाएगी कांग्रेस

नई दिल्ली: 5 राज्यों में हुए चुनावों के नतीजे आने के बाद कांग्रेस आलाकमान को गहरा झटका लगा है। सिर्फ एक राज्य पंजाब में उसे सरकार बनाने का मौका मिला है, जबकि मणिपुर और गोवा में ज्यादा सीटें होते हुए भी वह सरकार नहीं बना पाई।

योगी के CM बनते ही राजनीतिक पंडित ने किया खुलासा 2019 तक खत्म हो जाएगी कांग्रेस
दोनों राज्यों में बीजेपी के मुख्यमंत्रियों ने शपथ ले ली। कभी देश की राजनीति पर राज करने वाली कांग्रेस पार्टी आज फर्श पर है। पार्टी के पास कोई ऐसा नेता नहीं है जो मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने टिक सके। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में पार्टी कई चुनाव हारी है। यहां तक कि उसके गढ़ माने जाने वाले राज्य उसके हाथ से निकल गए। अमेठी और राजबरेली में बीजेपी उम्मीदवारों की जीत से सोनिया और राहुल गांधी के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। कई राजनीतिक पंडित तो यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि हालात यही रहे तो पार्टी कहीं 2019 के लोकसभा चुनावों तक गायब ही ना हो जाए। आइए आपको बताते हैं ऐसे कारण जो इशारा करते हैं कि पार्टी कहीं 2019 तक खत्म ही ना हो जाए।
कौन बनेगा पीएम कैंडिडेट:
मौजूदा दौर में कांग्रेस के पास ऐसा कोई नेता नहीं है जो लोगों के बीच लोकप्रिय हो या जिसकी कांग्रेस में अलग धाक हो। पार्टी सिर्फ अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के ही कंधों पर टिकी हुई है। राहुल के विरोध में समय-समय पर बागी सुर उठते ही रहे हैं। लिहाजा पार्टी उन्हें पीएम कैंडिडेट बनाने से पहले 100 बार सोचेगी। मनमोहन सिंह शायद ही दूसरी बार प्रधानमंत्री पद के लिए खड़े हों। लिहाजा पार्टी के सामने अपना नया नेता चुनने की बड़ी चुनौती है, जो उसकी डूबती नैया को पार लगा सके।
12 राज्यों में हारी चुनाव:
कांग्रेस साल 2014 के लोकसभा चुनावों में सिमटने के बाद से सत्‍ता गंवाती जा रही है। उसने इन चुनावों के बाद हुए बड़े राज्‍यों के विधानसभा चुनाव में हार का सामना किया है। ढाई साल में कांग्रेस महाराष्‍ट्र, हरियाणा, असम जैसे गढ़ भाजपा के हाथों हार चुकी है। झारखंड, जम्‍मू कश्‍मीर, केरल, दिल्‍ली, उत्‍तराखंड जैसे राज्‍य उसके हाथ से फिसल गए। अरुणाचल प्रदेश में बगावत ने उसकी सत्‍ता छीन ली। बिहार में वह जेडीयू और राजद के साथ छोटी साझेदारी बनकर सत्‍ता में आई है। हालांकि पुदुचेरी में जरूर उसे कामयाबी मिली। लेकिन तमिलनाडु, उत्‍तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्‍य जो कई दशकों से उसकी पकड़ से बाहर थे वे उससे दूर ही रहे। इस साल अब गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने हैं। गुजरात में कांग्रेस 20 साल से सत्‍ता बाहर है। वहीं हिमाचल प्रदेश में उसके सामने सत्‍ता बचाने की लड़ाई होगी।
बड़ा खुलासा: राजनीतिक पंडित के अनुसार 2019 तक पूरी तरह खत्म हो जाएगी कांग्रेस
कई बार आरोप लगते रहे हैं कि राज्य इकाइयों और आलाकमान के बीच कोई संपर्क नहीं है, जिसके कारण कार्यकर्ताओं का मनोबल लगातार गिरता जा रहा है। यूपी चुनावों के नतीजे आने के बाद कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि पहले कांग्रेस का चुनावी कैंपेन अखिलेश सरकार के खिलाफ था, लेकिन बाद में दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर लिया। जमीनी स्तर पर भी कांग्रेस और सपा कार्यकर्ताओं के बीच कोई संतुलन या तालमेल नहीं था, जिसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा। 27 साल से सूबे की सत्‍ता से बाहर पार्टी अब 10 सीटों के अंदर ही सिमट गई है। यह उसका यहां पर अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। कांग्रेस ने सपा के साथ समझौते के तहत करीब 100 सीटों पर यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ा था। साथ ही कुछेक सीटों पर गठबंधन के बावजूद सपा और कांग्रेस दोनों के उम्‍मीदवार खड़े थे। बावजूद इसके कांग्रेस केवल सात सीटों को जीत पाई है। यानि की 98 सीटों पर उसे मात मिली है। इन नतीजों ने कांग्रेस को उत्‍तर प्रदेश में पांचवें नंबर की पार्टी बना दिया है। उससे ज्‍यादा तो अपना दल(एस) को सीटें मिल गईं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button