बी चंद्रकला और सपा एमएलसी रमेश मिश्रा के खिलाफ ईडी ने दर्ज किया मुकदमा
लखनऊ। अखिलेश यादव राज में हुए खनन में घोटाले में एक तरफ जहाँ सीबीआई के छापेमारी के बाद ईडी ने आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला और सपा एमएलसी रमेश मिश्रा समेत 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपितों को नोटिस भेजकर पूछताछ की तैयारी की जा रही है। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी में उल्लिखित कुछ नौकरशाहों और राजनेताओं के खिलाफ धनशोधन (मनी लांड्रिंग) रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जल्द मामला दर्ज किया है। तो दूसरी तरफ निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म डा रोशन जैकब ने जालौन में छापेमारी कर अवैध खनन और ओवरलोडिंग के इलज़ाम में 52 गाड़ियों को सीज़ करते हुए सर्वेक्षक को सस्पेंड कर दिया है योगी राज में अवैध खनन के खिलाफ अब तक की सब से बड़ी कार्रवाई है।
अवैध खनन मामले में अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ीं
यह केस सीबीआई की उस एफआईआर पर आधारित है, जिसमें राज्य के खनन मंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के 2012-2016 कार्यकाल के दौरान उनकी भूमिका की जांच की बात कही गई है। गौततलब है कि अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। 2012 से 13 तक खनन मंत्रालय भी उन्हीं के पास था। सूत्रों के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2012-13 में 14 खनन टेंडर को मंजूरी दी थी, जिनकी जांच हो रही है। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव से इस मामले में पूछताछ हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक यूपी सरकार द्वारा 2012 से 2016 के दौरान कुल 22 टेंडर पास किए गए, जिनमें 14 टेंडर अखिलेश के खनन मंत्री रहते पास किए गए।
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सूत्रों के मुताबिक सीबीआई इस मामले में तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को भी नोटिस भेज सकती है। यह कार्रवाई सपा के शासन के दौरान बुंदेलखंड में हुए खनन घोटाले के सिलसिले में की गई। सीबीआई टीम इस सिलसिले में 2008 बैच की आईएएस अधिकारी चंद्रकला के साथ-साथ सपा के एमएलसी रमेश मिश्रा और हमीरपुर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजीव दीक्षित के आवासों पर भी छापे मार चुकी है। सीबीआई ने लखनऊ, नोएडा, हमीरपुर और कानपुर में कुल 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने आईएएस अधिकारी के आवास से कुछ अहम दस्तावेज भी बरामद किए थे।
एफआईआर में सपा-बसपा नेताओं के नाम
सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत कुछ जाने-माने व कुछ अज्ञात सरकारी कर्मचारियों व अन्य सहित 11 लोगों के खिलाफ दो जनवरी को एक मामला दर्ज किया था, जिसके बाद यह जानकारी सामने आई है। एजेंसी ने आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला, खनिक आदिल खान, भूवैज्ञानिक/खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रमेश कुमार मिश्रा, उनके भाई दिनेश कुमार मिश्रा, राम आश्रय प्रजापति, हमीरपुर के खनन विभाग के पूर्व क्लर्क संजय दीक्षित, उनके पिता सत्यदेव दीक्षित और रामअवतार सिंह के नाम प्राथमिकी में शामिल हैं। बता दें कि संजय दीक्षित ने 2017 विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर लड़ा था।