बिना फोन कॉल और OTP जाने Spain में क्रेडिट कार्ड से 1.19 लाख की ऑनलाइन ठगी
अगर आप क्रेडिट या डेबिट कार्ड रखते है तो अब आपको बहुत सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल हैकर ग्रुप की नजर आपके रुपयों पर है अपने ‘काले कारनामों’ से वो कभी भी आपके अकाउंट की रकम उड़ा सकते हैं। हाल ही में यूपी के कानपुर शहर में रहने वाली एक महिला के क्रेडिट कार्ड से विदेश में खरीददारी हो गई। साइबर सेल मामले की जांच में जुटी है।
कानपुर स्वरूपनगर में रहने वाले एक कारोबारी की पत्नी के क्रेडिट कार्ड से स्पेन में 1.19 लाख रुपये का ऑनलाइन भुगतान हो गया। खास बात यह रही भुगतान से पहले न महिला के पास किसी का फोन आया और न ही उनके मोबाइल फोन पर कोई वन टाइप पासवर्ड पछा गया। भुगतान होने के बाद मोबाइल पर मैसेज आया, तब जाकर उन्हें पता चला। इस तरह से रुपये निकलने का यह पहला मामला सामने आया है। एक्सपर्ट का मानना है कि विदेश में ऑनलाइन पेमेंट करने या नेट बैंकिंग से पैसा ट्रांसफर करने में ओटीपी या पासवर्ड की जरूरत नहीं होती। कार्ड पर लिखे नंबर से भी भुगतान हो जाता है।
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कानपुर, स्वरूपनगर में श्रीअपार्टमेंट मेें रहने वाले दिनेश महेश्वरी कारोबारी हैं। उनकी पत्नी रेखा शारदा के पास सिटी बैंक का क्रेडिट कार्ड है। कार्ड की लिमिट 1.30 लाख रुपये है। उनके क्रेडिट कार्ड से स्पेन स्थित मर्चेंट वेले रोमानो में दो बार में (चार अगस्त और छह अगस्त) 1.19 लाख रुपये ((1519 यूरो) का भुगतान हो गया। पहला मैसेज उन्होंने ध्यान नहीं दिया। छह अगस्त को जब दोबारा मैसेज आया तब उन्हें साइबर ठगी का पता चला। इस पर उन्होंने सिटी बैंक में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन बैंक कर्मियों ने रिपोर्ट दर्ज कराकर उसकी कॉपी जमा करने की बात कहकर टरका दिया।
साइबर टीम मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है। शुरुआती जांच में पता चला है कि कारोबारी की पत्नी ने कहीं पर कार्ड का इस्तेमाल किया है। वहां बैठे किसी शातिर ने कमीशन के लालच में कार्ड की जानकारी (कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर) हैकर ग्रुप में डाल दी। स्पेन में बैठे हैकर ने इससे जानकारी लेकर ऑनलाइन भुगतान कर लिया।
कानपुर शहर का पहला मामला है
क्रेडिट कार्ड से कोई भी ऑनलाइन भुगतान करने में कार्डधारक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है। इस नंबर को डालने के बाद ही ऑनलाइन भुगतान होता है। लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ। पुलिस इस तरह का पहला मामला मान रही है।
साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन के मुताबिक विदेश में ऑनलाइन शॉपिंग या नेट बैंकिंग से पैसा ट्रांसफर करने में ओटीपी या पिन कोड की जरूरत नहीं पड़ती है। सिर्फ कार्ड नंबर से भुगतान हो जाता है। भारत में ही ऑनलाइन भुगतान करने में पिन कोड और ओटीपी मांगा जाता है। इससे साफ है कि कहीं से शातिरों को क्रेडिट कार्ड नंबर मिल गया है। कारोबारी के बात करने पर सिटी बैंक के अफसरों ने भी यही बात कही है।
सीवीवी नंबर को स्केच से मिटा दें
साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन के मुताबिक हैकरों को क्रेडिट, डेबिट या एटीएम कार्ड से पैसे निकालने के लिए कार्ड का नंबर, उसकी एक्सपायरी डेट और पीछे लिखे सीवीवी नंबर की जरूरत होती है। सीवीवी नंबर तीन अंक का होता है। कार्ड धारकों को साइबर ठगी से बचने के लिए इन तीन नंबरों को स्कैच कर मिटा देना चाहिए।
कार्ड धारक टू-स्टेप सिक्योरिटी सिस्टम से साइबर ठगी से बच सकते हैं। ज्यादातर बैंक ये सुविधा दे रहे हैं। कार्ड से ऑनलाइन भुगतान करने पर कार्ड के नंबर के साथ उसके पीछे लिखे तीन अंक के सीवीवी नंबर या ओटीपी की जरूरत होती है। टू-स्टेप सिक्योरिटी सिस्टम लागू होने से दोनों (ओटीपी, सीवीवी) ही नंबरों की जरूरत पड़ेगी। इसका तोड़ निकालना हैकरों के लिए मुश्किल है।