बच्चे के बड़े होने की प्रोसेस शुरू होने पर पैरेंट्स की भी कई जिम्मदारियां बढ़ जाती है। जैसे कि उनको खुद के खाना खाने का तरीका बताना, चलने का तरीका, बात करने के तरीके बताना। इसके अलावा जो सबसे अहम जिम्मेदारी है वह है बच्चों को टॉयलेट की ट्रेनिंग देना, ताकि बच्चा खुद फ्रेश हो सके और आप पर ज्यादा निर्भर न रहे। इसके लिए माता-पिता को ढेर सारी सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं किस तरह आप अपने बच्चों को टॉयलेट जाने की ट्रेनिंग दे सकते हैं।
सबसे पहले माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ट्रेनिंग देते वक्त बच्चों पर ज्यादा प्रेशर न डालें। धीरे-धीरे उन्हें सिखाएं। इसके लिए माता-पिता को बहुत धैर्य रखने की जरूरत होती है।
टॉयलेट की ट्रेनिंग देते वक्त सबसे पहले इस चीज का पता कर लें कि बच्चा चलने लगा है कि नहीं और वह कुछ देर के लिए एक जगह बैठ सकता है कि नहीं। यदि वह ऐसा करने में सक्षम है तो उसे टॉयलेट की ट्रेनिंग दें। इसके अलावा ट्रेनिंग देने से पहले यह भी ध्यान रखें कि आपका बच्चा कुछ काम अपने से करने लगा है या नहीं जैसे कि खुद चम्मच से खाना खाना।
बच्चे को जो डायपर पहनाया गया है अगर वह दो घंटे तक सूखा हुआ है तो इसका मतलब यह है कि वह अपने बॉडी फंक्शन्स को कंट्रोल करना सीख गया है। इसके अलावा अगर वह आपको इशारों में बता रहा हो कि उसे वॉशरूम जाना है तो उसे टॉयलेट की ट्रेनिंग दें।