फेलोशिप बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर बीबीएयू के शोधार्थियों ने किया प्रदर्शन

लखनऊ। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के पीएचडी शोधार्थियों ने 80 फीसदी फेलोशिप बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर बुधवार को एमएचआरडी व यूजीसी के खिलाफ प्रदर्शन किया। शोधार्थियों का कहना है कि पिछले चार महीनों में कई बार फेलोशिप बढ़ाने के लिए यूजीसी को मांग पत्र दिया गया है, लेकिन आज तक सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। ऐसे में अब सरकार हमारी मांगों पर अमल नहीं की तो आगे भूख हड़ताल कर देशव्यापी आंदोलन करेंगे।
एमएचआरडी का था प्रावधान कि हर चार साल बाद फेलोशिप में बदलाव किया जाएगा
विश्वविद्यालय के पीएचडी शोधार्थी सुरभि ने बताया कि एमएचआरडी ने हम शोधार्थियों के लिए यह प्रावधान था कि हर चार साल बाद फेलोशिप बढ़ोत्तरी में बदलाव किया जाएगा। इसके साथ ही बगैर नेट शोधार्थियों को मिलने वाली फेलोशिप को बढ़ाई जाएगी । जबकि महंगाई आसमान छू रही है, देश के माननीयों के वेतन भत्ते पांच साल में तीन बार बढ़ाये जा रहे हैं, सरकारी कर्मचारियों को सातवां ग्रेड पे मिल रहा है तो शोधार्थियों के साथ यह अन्याय क्यों किया जा रहा है।
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साथ ही कहा कि सरकार द्वारा अभी तक किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में पीएचडी शोधार्थियों को आगे की पढ़ाई करने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विश्वविद्यालय की सुविधाओं पर बात करते हुए कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के बावजूद भी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलती। शोध के वक़्त ज्यादातर चीजें बाहर से लेनी पड़ती है जिसका खर्च बहुत ज्यादा लगता है और आगे के शोध करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पीएचडी शोधार्थी रोली ने मांग को लेकर बताया कि अब के समय में यूजीसी द्वारा शोधार्थियों के लिए ​जितनी फेलोशिप दी जा रही है शोध करने में उससे कही ज्यादा खर्च हो जा रहे हैं। ऐसे में परेशान पीएचडी शोधार्थी द्वारा सरकार को कई बार मांग पत्र दिया गया,लेकिन सरकार हर बार आश्वासन दे रही है। वही आगे कहा कि हमारी मांग है कि यूजीसी द्वारा प्रदान की जा रही एमफ़िल, पीएचडी और पीडीएफ़ के साथ-साथ नॉन नेट और संस्थानिक पीएचडी शोधवृति को तत्काल प्रभाव से बढ़ाया जाय। इसके साथ ही एनपीडीएफ में मिलने वाली शोधवृत्ति के टैक्स को भी तत्काल हटाया जाय। अगर हमारी मांगें नहीं मानी जाएगी तो देश के सभी विश्वविद्यालय और संस्थानिक शोधार्थी भूख हड़ताल कर बड़ा आंदोलन करेंगे ।

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