फिर सामने आई पाक की नापाक हरकत, इस्लामाबाद में भारतीय अधिकारियों से किया ऐसा बर्ताव

करतारपुर कॉरिडोर के ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के साथ शांति स्थापित करने की बात कही थी. हालांकि कुछ दिन बाद ही पाकिस्तान से ऐसी खबर आ रही है जो बताती है कि पाकिस्तान की कथनी और करनी में कितना फर्क है. न्यूज एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों का शोषण हो रहा है. भारतीय डिप्लोमेट्स को परेशान किए जाने के कई मामले सामने आए हैं. उन्हें गैस कनेक्शन लेने में परेशानी हो रही है. कई राजनयिकों के इंटरनेट कनेक्शन को ब्लॉक किया जा रहा है. सूत्रों का ये भी कहना है कि पाकिस्तान में मौजूद भारतीय राजनयिकों की जासूसी बढ़ गई है. दिसंबर में ही एक अधिकारी के घर में किसी अज्ञात व्यक्ति के गलत तरीके से घुसने की घटना भी सामने आई थी.

इसे लेकर भारत ने आपत्ति जताई है और मामले को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के सामने उठाया है. भारतीय राजनयिकों के शोषण की यह कोई पहली घटना नहीं है. इस साल मार्च में भारत ने पाकिस्तानी अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाया भी था और अपना विरोध दर्ज कराया था. उस दौरान कुछ आपराधिक तत्वों की ओर से भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों का पीछा करने की बात सामने आई थी.

इसी साल मार्च में भारत ने पाकिस्तान में भारतीय अधिकारियों को लगातार परेशान किए जाने और धमकाने के मामलों की तत्काल जांच कराने को कहा था. भारत ने पाकिस्तान में तैनात अपने राजनयिकों को धमकाने और परेशान किए जाने के विरोध में इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग के जरिए पाकिस्तान को ‘नोट वर्बेल’ ( राजनयिक नोट) जारी किया था. तीन महीने से भी कम समय में भारत ने पाकिस्तान को 13 वीं बार ‘नोट वर्बेल’ जारी किया था. आरोप था कि पाकिस्तान में भारतीय दूतावास के कर्मचारियों के बच्चों को भी प्रताड़ित किया जा रहा है. जिन तरीकों से उत्पीड़न किया जा रहा है, उनमें रात 3 बजे घर के बाहर लगी घंटी बजाना, सुरक्षाकर्मियों द्वारा पूछताछ जैसी कई गतिविधियों से डराया-धमकाया जाना शामिल है.

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पाकिस्तान को जांच के नतीजों को भारतीय उच्चायोग से साझा करने के लिए भी कहा गया था. भारतीय उच्चायोग की वेबसाइट को बार- बार ब्लॉक करने का भी मामला सामने आया था,इससे मिशन का सामान्य कामकाज प्रभावित होता था. राजनयिकों को परेशान किए जाने, धमकाने और उनकी शारीरिक सुरक्षा को खतरा पैदा करना विएना संधि 1961 का उल्लंघन है और भारतीय उच्चायोग के कर्मियों की सुरक्षा के लिए खतरा है. मार्च में भी पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के अफसरों का अज्ञात लोगों द्वारा पीछा किया जा रहा था. भारत सरकार ने अपने राजनयिकों के साथ हो रही इस तरह की घटनाओं पर उस समय भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी.

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