प्राथमिक स्कूलों के 7000 शिक्षकों की जाएगी नौकरी, TET में हुए फेल

महाराष्ट्र में प्राथमिक स्कूलों के 7000 शिक्षकों की नौकरी जल्द ही जा सकती है। दरअसल ये सभी शिक्षक शिक्षकों के लिए अनिवार्य परीक्षा शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) दिए गए समय में पास नहीं कर पाए। 

पिछले सप्ताह बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कक्षा एक से आठवीं तक के सभी शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा पास करने के अपने फैसले पर आगे बढ़ने के लिए कहा था। जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस आरआई चगला की बेंच ने नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था।

कोर्ट अलग-अलग शिक्षकों द्वारा दाखिल की गई याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। जिन्होंने डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें लिखा गया है कि जो प्रथमिक शिक्षक 30 मार्च 2019 तक टीईटी परीक्षा में पास नहीं कर पाए उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाए। 

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बेंच का कहना था कि यह सार्वजिनक हित में हैं। बेंच ने यह भी कहा कि इस तरह की नीतियां इसलिए बनाई जाती हैं जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो और वह तभी हो सकता है कि जब योग्य लोग शिक्षक के रूप में नियुक्त किए जाएं। कोर्ट का कहना था कि जो शिक्षक विषय को अच्छे से जानते हैं और अनिवार्य टेस्ट पास कर चुके हैं, उनसे ही गुणवर्तापूर्ण शिक्षा की उम्मीद की जा सकती है। यह भी गौर करने वाली बात है कि प्राइमरी शिक्षा ही बच्चे के दिमाग का विकास और व्यक्तित्व को आकार देती है। अगर इस उम्र में सही मूल्य मस्तिष्क में नहीं बैठाए गए तो बच्चे शिक्षा में दिलचस्पी नहीं लेते है। एक शिक्षक ही शिक्षा का महत्व और उसकी अहमियत बच्चों को समझा सकता है।  

आपको बता दें कि टीईटी की अनिवार्यता बच्‍चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के तहत नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (NCTE) की शुरुआत की थी। इसके तहत बेसिक शिक्षा बीएड और डीएलएड थी। आरटीई कानून के तहत 1 अप्रैल 2010 को लागू हुआ और NCTE ने अगस्त 2010 में टीईटी की शुरुआत की। 

राज्य सरकार मे तीन साल बाद मार्च 2013 में इस नीति को अपनाया। नवंबर 2017 में राज्य सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों के टीईटी पास करने की आखिरी तारीख 30 मार्च 2013 रखी। उस समय यह भी निश्चित किया गया कि जो शिक्षक कट ऑफ डेट से पहले इसे पास नहीं कर पाएंगे उन्हें नौकरी से निकाला जाएगा। इसी के अनुसार राज्य सरकार ने इन 7000 प्राथमिक शिक्षकों की 1 जनवरी 2020 से वेतन देना भी बंद कर दिया है।

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