पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह ने चुनाव नहीं लड़ा और बेटे बृजेंद्र सिंह को राजनीतिक विरासत सौंपने की घोषणा

केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह ने अपने बेटे बृजेंद्र सिंह को हिसार से सांसद बनवाने के लिए भले ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन ऐसा नहीं कि उन्होंने अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं पर ब्रेक लगा दिया हो। हरियाणा का मुख्‍यमंत्री बनने की उनकी चाह बरकरार है। उन्‍होंने अपने ही अंदाज मेें इस पद पर अपनी दावेदारी जताई। है।

नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर बीरेंद्र सिंह एक बातचीत के दौरान कहा, हम राजनीति में मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकते। राजनीति में कोई व्यक्ति कुछ बड़ा करना चाहे और उसके पास शक्ति न हो तो वह क्या कर सकता है। बिना सीएम बने बहुत से कार्य नहीं किए जा सकते। उन्‍हाेंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का बीड़ा उठाया तो उस दिशा में काम होने लगा क्योंकि उनके पास पूर्ण बहुमत की सरकार की शक्ति थी और है।

सीएम पद की दावेदारी पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि इस पद के लिए उन्होंने न कभी लड़ाई की और न ही करने जा रहे हैं मगर यह जरूर है कि राजनीति में लक्ष्य प्राप्ति की आकांक्षा अवश्य रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक वाहन ही सबसे बड़ा वाहन है जिस पर चढ़कर लाखों की तकदीर एक साथ बदली जा सकती है। उन्‍होंने माना कि हरियाणा राज्य में अभी भी गुणवत्ता परक शिक्षा का अभाव है। स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर सिंचाई के पानी की व्यवस्था करनी है। इन पर काम एक बड़ी सोच के साथ हो सकता है।

उन्‍होंने कहा कि राजनीति में यदि उन्हें मौका मिलता है तो वह बड़ी सोच के साथ लोगों के लिए काम करेंगे। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने अपने आइएएस बेटे बृजेंद्र सिंह के लिए भाजपा का टिकट मांगते हुए त्यागपत्र दिया था। उनका कहना था कि वह त्यागपत्र इसलिए दे रहे हैं कि ताकि उनके ऊपर वंशवाद का आरोप नहीं लगे। हालांकि बीरेंद्र सिंह का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ था।

क्षेत्रवाद की राजनीति के कारण हारे हुड्डा

बीरेंद्र सिंह सोनीपत और रोहतक में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा की हार के पीछे क्षेत्रवाद की राजनीति मानते हैं। उनका कहना है कि हुड्डा बने तो थे पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री मगर वह एक दो जिला तक ही सीमित रहे। राजनीति में व्यापक सोच वाला ही आगे बढ़ता है।

उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब किसानों की आय दोगुनी करने की नीति बनाई तो यह नहीं कहा था कि इसका लाभ केवल गुजरात के किसानों को मिले। पूरे देश के किसानों को इसका लाभ मिला तो आज फिर उनकी सरकार पूर्ण बहुमत से बन रही है। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि विपक्ष को सिर्फ आचोलना तक सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि अपने पास जनता को देने के लिए क्या है,उसका भी जिक्र करना चाहिए।

परिवार को तोडऩे वालों को पसंद नहीं करती हरियाणा की जनता

केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने लोकसभा चुनाव में इनेलो और जजपा की पराजय पर कहा कि हरियाणा की जनता परिवार को तोडऩे वालों को पसंद नहीं करती। इनेलो की राजनीति जाति आधारित थी और इस चुनाव में जनता ने नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने के लिए जाति,धर्म, क्षेत्र सबके बंधन तोड़ दिए थे। जब जातिगत राजनीति ही नहीं रही तो फिर इनेलो या जजपा कैसे सफल हो पाती।

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