पाकिस्तान को लगा एक और बड़ा झटका, इस मामले में नही मिला किसी भी देश का साथ

फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में पाकिस्तान पर 18 अक्टूबर को फैसला होना है लेकिन उससे पहले उसे किसी भी देश का समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है. जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान को डार्क ग्रे लिस्ट में रखा जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक डॉजियर एफएटीएफ में सौंपने वाला है. ये डॉजियर एफएटीएफ में शुक्रवार को प्रस्तुत किया जाएगा. इसके बाद एफएटीएफ पाकिस्तान पर फैसला लेगा.

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फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की समीक्षा बैठक में पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उसे ब्लैकलिस्ट में शामिल करना है या नहीं, इसी हफ्ते इस पर फैसला संभव है. बैठक में पाकिस्तान एक डॉजियर सौंपने वाला है जिसमें इस बात का जिक्र होगा कि इस्लामाबाद ने आतंकियों के खिलाफ क्या क्या कार्रवाई की है. डॉजियर में आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी दिए जाने की संभावना है. पेरिस में चल रही बैठक में शुक्रवार को पाकिस्तान पर फैसला होना है. इस मामले में पाकिस्तान को एफएटीएफ के ज्यादातर देशों का साथ मिलता नहीं दिख रहा है.

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सूत्रों के हवाले से खबर है कि एफएटीएफ पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकता है और उसे ‘डार्क ग्रे’ लिस्ट में डाल सकता है. एफएटीएफ के नियमों के मुताबिक, ग्रे और ब्लैक लिस्ट के बीच डार्क ग्रे की भी श्रेणी होती है. अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान को यह कड़ी चेतावनी होगी कि वह एक अंतिम अवसर में खुद को सुधार ले, वर्ना उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है.

शुरुआती संकेत बताते हैं कि एफएटीएफ के सभी देश पाकिस्तान से किनारा कर सकते हैं क्योंकि वह आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में बहुत अच्छा नहीं कर रहा है. बता दें, चीन के जियांगमिन ल्यू की अध्यक्षता में एफएटीएफ का यह पहला अधिवेशन है.

आतंकी फंडिंग पर फैसला जल्द

आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर पाकिस्तान को मिलने वाली फंडिंग पर फैसला होना है. अगर फैसला पाकिस्तान के खिलाफ गया तो इमरान खान की उम्मीदों को सबसे बड़ा झटका लगेगा. एफएटीएफ को लगता है कि पाकिस्तान को अक्टूबर तक जो कदम उठाने के लिए कहा गया है, उसमें उसने ढिलाई बरती है तो वह पाकिस्तान को ‘ब्लैक लिस्ट’ में डाल सकता है. इसका मतलब यह होगा कि उसे आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से कर्ज और सहायता नहीं मिल सकेगी.

बता दें, पाकिस्तान फिलहाल ‘ग्रे लिस्ट’ (वॉच लिस्ट) में है और वो इससे बाहर आने की कोशिश में जुटा है. एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई पूरी करने के लिए उसे अक्टूबर तक का समय दिया है.

 

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