पाकिस्तान के साथ विश्व कप में न खेलने की मांग पर पहली बार विराट कोहली ने दिया बड़ा बयान

पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के साथ विश्व कप में न खेलने की उठ रही मांग पर पहली बार विराट कोहली ने चुप्पी तोड़ी है। भारतीय कप्तान ने कहा कि देश जो भी फैसला लेगा, हम उसके साथ है और वह हमें मंजूर होगा।पाकिस्तान के साथ विश्व कप में न खेलने की मांग पर पहली बार विराट कोहली ने दिया बड़ा बयान

भारतीय कप्तान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार को खेले जाने वाले पहले टी-20 से पहले मीडिया से मुखातिब थे। पुलवामा हमले पर शोक जताते हुए विराट ने शहीद जवानों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
विराट कोहली ने क्या कहा?

30 वर्षीय कप्तान ने कहा कि, ‘दुख की इस घड़ी में हम देश के साथ हैं। हमले में मारे गए शहीदों के परिवारों के प्रति मेरी और टीम की संवेदनाएं हैं। इस संबंध में (पाकिस्तान के साथ खेलने) सरकार और बोर्ड जो भी फैसला लेंगे, हमें स्वीकार होगा।’

सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर
कोहली के अलावा कोच रवि शास्त्री ने भी भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर शुक्रवार को अपनी बात रखी थी। शास्त्री से जब ये पूछा गया कि क्या अगर आईसीसी पाकिस्तान को विश्वकप से बाहर नहीं करता है तो क्या भारत विश्वकप में खेलेगा?

इस पर उन्होंने कहा, ‘इस बारे में सब कुछ पूरी तरह बीसीसीआई और भारत सरकार पर निर्भर करता है। क्या हो रहा है उन्हें इस बारे में पूरी और सटीक जानकारी है और वो अंतिम निर्णय लेंगे। हमारे लिए इस बारे में निर्णय लेना बेहद आसान है हम वही करेंगे जैसा हमसे करने को सरकार कहेगी।’

इसके पहले सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर ने पाकिस्तान से खेलने की बात की थी। विश्व क्रिकेट के इन दोनों ही दिग्गजों ने कहा था कि पाकिस्तान को बैठे बिठाए दो अंक देना बिलकुल गलत होगा। भारत को पाकिस्तान को हराकर मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।

CoA ने भी सरकार के पाले में डाली गेंद

इसके पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिती (CoA) ने शुक्रवार को एक अहम बैठक रखी थी। पाकिस्तान के खिलाफ मैच को लेकर हुई इस मीटिंग में बोर्ड ने यह फैसला सरकार पर छोड़ दिया। बोर्ड का कहना था कि विश्व कप में अभी वक्त है। पाकिस्तान के खिलाफ खेलना है या नहीं खेलना है इसका फैसला सरकार लेगी, हमें दोनों ही हाल में फैसला मंजूर होगा।

याद हो कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इसके बाद से ही पूरा हिंदुस्तान बदला चाहता था। इंटरनेशनल लेवल में पाकिस्तान के बायकॉट करने की मुहिम के तहत ही विश्वकप में पाकिस्तान के खिलाफ 16 जून को मैनचेस्टर में खेले जाने वाले मुकाबले के बहिष्कार की मांग उठ रही है।

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