पत्नी के बर्थ डे पर अरविंद केजरीवाल ने दिया जीत का खास तोहफा

आम आदमी पार्टी के लिए आज बड़ा दिन है. दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी की बड़ी जीत के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का आज बर्थडे भी है.  सोशल मीडिया पर लोग सुनीता केजरीवाल को उनके 54वें जन्मदिन पर बधाई दे रहे हैं. यहां जानिए IRS अफसर रहीं सुनीता केजरीवाल के बारे में. इस बार उन्हें बर्थ डे पर अरविंद केजरीवाल बड़ा तोहफा दे रहे हैं.

सुनीता केजरीवाल पहली बार अरविंद केजरीवाल के लिए वोट मांगती नजर आईं. इससे पहले वो आईआरएस अफसर होने के चलते अपने प्रोटोकॉल फॉलो कर रही थीं. लेकिन कुछ साल पहले उन्होंने परिवार के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है.

अरविंद केजरीवाल की क्लासमेट रहीं सुनीता केजरीवाल की पति के साथ आपसी समझदारी साफ नजर आती है. हाल ही में जब वो डोर टू डोर प्रचार कर रही थीं, बीजेपी नेताओं ने अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी कहा था. इसके जवाब में सुनीता ने कहा था कि दिल्ली की जनता उन्हें जवाब देगी.

आज जब रिजल्ट का दिन है, आम आदमी पार्टी सबसे आगे चल रही है. ट्व‍िटर पर सुनीता केजरीवाल को लोग कह रहे हैं कि मैम आपको आज सीएम केजरीवाल ने सबसे बड़ा तोहफा दिया है. वो एक बार फिर सफल होकर आपको जीत का सेहरा दे रहे हैं.

दोनों की लव स्टोरी की बात करें तो भारतीय राजस्व सेवा (IRS) की परीक्षा पास करने के बाद अरविंद और सुनीता नागपुर स्थित राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में पहली बार मिले थे. इसी दौरान दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे.

कुछ समय बाद अरविंद केजरीवाल ने सुनीता से अपने दिल की बात कह दी. उन्होंने अपने प्यार का इजहार किया.
अरविंद केजरीवाल ने एक इंटरव्यू में बताया कैसे उन्होंने सुनीता को प्रपोज किया था. जिसके बाद झट से सुनीता ने हां कह दिया था.इसके बाद दोनों ने शादी कर ली.

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सुनीता ने अरविंद केजरीवाल का हर कदम पर साथ निभाया. जब वो नौकरी छोड़कर समाज सेवा से जुड़ गए, तब भी सुनीता हर कदम पर उनके साथ खड़ी दिखीं. उन्होंने पत्नी ही नहीं बल्क‍ि एक मां और बहू की भूमिका भी बखूबी निभाई है.

सुनीता अपने इंटरव्यू में हमेशा कहती हैं कि मुख्यमंत्री की पत्नी होना गर्व की बात है, लेकिन इसके साथ ही जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है. ऐसे में पति के मुख्यमंत्री बनने के कुछ समय बाद मैंने IRS ऑफिसर पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया था.

सुनीता केजरीवाल की मेहनत और सहयोगका ही नतीजा है कि उनके दोनों बच्चे आईआईटियंस बन पाए. केजरीवाल हमेशा से समाज के कामों में ज्यादा व्यस्त रहते थे, ऐसे में सुनीता ने आईआरएस अफसर और मां दोनों ही जिम्मेदारी बखूबी निभाई.

सुनीता केजरीवाल अक्सर हर मंच से अपने पति के साथ भी नजर आती हैं. 2020 के चुनाव में भी वो सक्र‍िय भूमिका में नजर आईं. वो आम आदमी पार्टी के लिए डोर टू डोर कैंपेन कर रही थीं.

इसके बावजूद सुनीता केजरीवाल राजनीति में नहीं जाना चाहती हैं. वो कहती हैं कि मैं चाहती हूं कि मेरे पति दिल्ली वालों के लिए इसी तरह समर्पण भाव से काम करें और भारतीय राजनीति को एक नई दिशा देते रहें. सही मायने में कहा जाए तो सुनीता को मिला पति की जीत का तोहफा वो वाकई डिजर्व भी करती हैं.

 

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