नवजोत सिद्धू के लिए गले की फांस बनी कमर बाजवा की झप्पी, चौतरफा घिरे…अपने भी बने ‘दुश्मन’ 

पाकिस्तान जाना और वहां कमर बाजवा को झप्पी देना नवजोत सिद्धू के लिए गले की फांस बन गया है। पुलवामा आतंकी हमले पर दिए बयान के बाद यह मुद्दा ऐसा बढ़ा कि सिद्धू चौतरफा घिर गए और उनके अपने भी ‘दुश्मन’ बन गए। ऐसे में लगता है कि भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस के साथ पंजाब की सियासी पिच पर उतरे क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब की सियासत रास नहीं आ रही है।नवजोत सिद्धू के लिए गले की फांस बनी कमर बाजवा की झप्पी, चौतरफा घिरे...अपने भी बने 'दुश्मन' 

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के झप्पी डाल कर मुश्किलों में घिरे सिद्धू अब और बड़े विवाद में फंस गए हैं। नवजोत सिद्धू द्वारा पुलवामा आतंकी हमले के बाद अपने दोस्त और पाक पीएम इमरान खान की तरफदारी किए जाने से विपक्ष ही नहीं, उनकी खुद की पार्टी के नेताओं की भी भौंहें तन गई हैं। अब सिद्धू सभी के निशाने पर हैं। पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ प्रस्ताव पास किया, जिसमें सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बेहद तीखे शब्दों में इमरान और बाजवा पर हमला बोला।

लेकिन प्रस्ताव के बाद सिद्धू ने यह कह कर इमरान का बचाव किया कि कुछ लोगों की वजह से पूरे देश या किसी व्यक्ति विशेष को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। यह सुनकर शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने सिद्धू को कैबिनेट से हटाने की मांग की। कैप्टन ने यह कह कर सिद्धू का बचाव किया कि उनकी भावना राष्ट्र विरोधी नहीं लगती। वह खुद फौजी हैं और सिद्धू क्रिकेटर, दोनों की भावनाएं इस मुद्दे पर एक नहीं हो सकतीं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सिद्धू को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

इमरान खान द्वारा भारत से आतंकी हमले में उसकी भूमिका के सबूत मांगने के बाद कैप्टन ने पलटवार करते हुए कहा कि क्या यहां से लाशें भेजे जाने की जरूरत है। बता दें कि बाजवा से गले मिलने के बाद निशाने पर आए सिद्धू को करतारपुर कॉरीडोर पर सहमति बनने के बाद काफी वाहवाही मिली थी। लेकिन अब वह गंभीर विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। हालात यह हैं कि इस विवाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल भी कूद गए हैं। केजरीवाल ने कहा है कि सिद्धू ने दोस्ती को देश से ऊपर रखा है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पुलवामा हमले पर नवजोत सिद्धू का बयान देश के लोगों की भावनाएं आहत करने वाला है। सिद्धू की दोस्ती इमरान खान के साथ है। उन्होंने दोस्ती को देश से ऊपर रखा। यह देश की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। आतंकवादी हमले से 40 से अधिक सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए। देश चाहता है कि पाकिस्तान के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। सिद्धू का बयान लोगों की भावनाओं के विरुद्ध है।

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