दोनों हाथ नहीं फिर भी क्रिकेट स्‍टार, लगाता है धड़ाधड़ चौके-छक्‍के

 क्रिकेट अगर आपका पैशन बन जाए तो फिर दोनों हाथ कटने के बावजूद बेहतर क्रिकेट खेला जा सकता है। यह हम नहीं बल्‍िक 26 साल के कश्‍मीर पैरा क्रिकेट टीम कैप्‍टन आमिर हुसैन का कहना है। आमिर के दोनों हाथ नहीं लेकिन वह जम्‍मू-कश्‍मीर के क्रिकेट स्‍टार है

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दोनों हाथ नहीं फिर भी क्रिकेट स्‍टार, लगाता है धड़ाधड़ चौके-छक्‍के

 बैटिंग करने की अनोखी तकनीक

कश्‍मीर में रहने वाले आमिर हुसैन ने अपनी मेहनत और लगन से वो कर दिखाया जिससे कई लोगों को प्ररेणा मिलती हैं। आठ साल की उम्र में एक एक्‍सीडेंट के चलते अपने दोनों हाथ गंवा चुके 26 साल के आमिर आज इस कमजोरी को ताकत में बदल चुके हैं। आमिर कश्‍मीर की पैरा क्रिकेट टीम की तरफ से खेलते हैं। वह बैट को कंधे और गले से पकड़कर बैटिंग करते हैं तो वहीं घुटने से बॉलिंग करते हैं। 

बैट बनाने की फैक्‍ट्री में कटा था हाथ

आमिर का हौसला काफी मजबूत है। 8 साल की उम्र में बैट बनाने वाली मशीन से आमिर का हाथ कटा था इसके बावजूद वह क्रिकेट खेलते हैं। यह घटना 1997 की है दरअसल आमिर के पिता की बैट बनाने वाली कंपनी थी और आमिर अपने बड़े भाई को खाना देने फैक्‍ट्री गए थे। वहां पर एक मशीन से खेलते समय आमिर के दोनों हाथ उसके अंदर चले गए जिससे वह बुरी तरह जख्‍मी हो गए। आमिर का तीन साल तक इलाज चला था। आमिर के पिता बताते हैं कि इस एक्‍सीडेंट के बाद उन्‍हें अपनी कंपनी बेचनी पड़ी ताकि बेटे का बेहतर इलाज करवा सकें।

पैर से बनाते हैं दाढ़ी

19 साल पहले हुए एक एक्‍सीडेंट ने आमिर की जिंदगी बदल दी। शुरुआत में तो उन्‍हें काफी परेशानी उठानी पड़ी लेकिन जिंदगी से लड़ते-लड़ते आज आमिर हर काम खुद करने लगे हैं। शेविंग से लेकर चाय पीने तक हर काम वह अपने पैरों से कर लेते हैं। आमिर का सपना है कि वो एक दिन पैरा इंडियन क्रिकेट टीम का हिस्‍सा बनें और देश का नाम ऊंचा करें। 
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