देहरादून में सार्वजनिक परिवहन में अहम भूमिका निभाने वाले टैक्सी-मैक्सी स्टैंड चल रहे भगवान भरोसे

राज्य गठन के 19 साल बाद भी प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन में अहम भूमिका निभाने वाले टैक्सी-मैक्सी स्टैंड भगवान भरोसे चल रहे हैं। दून में स्मार्ट सिटी की तरफ बढ़ते कदम में भी इस व्यवस्था के प्रति किसी का ध्यान नहीं है। यही कारण है कि शहर की सड़क, नदी-नालों, फ्लाईओवर और गलियों में 10 से ज्यादा टैक्सी-मैक्सी स्टैंड का संचालन हो रहा है। हद तो यह है कि सरकार को हर माह लाखों रुपये का टैक्स अदा करने के बावजूद टैक्सी स्टैंड न तो सुविधाओं से जुड़ा और न ही मानक के अनुसार संचालित हो पा रहे हैं। यही कारण है कि खामियाजा हर दिन सफर करने वाले हजारों लोगों को भुगतना पड़ता है।

राजधानी देहरादून से आसपास इलाकों के अलावा गढ़वाल, कुमाऊं और मैदानी क्षेत्र के हरिद्वार, रुड़की, विकासनगर, ऋषिकेश, उप्र के बिहारीगढ़, सहारनपुर तक हर दिन साढ़े छह सौ से ज्यादा टैक्सी-मैक्सी का संचालन होता है। इसके लिए दून में 10 से ज्यादा स्टैंड बनाए गए हैं। मगर, एक भी स्टैंड ऐसा नहीं जो सुविधा और मानकों पर खरा उतरता हो। इन स्टैंड पर हर दिन वाहनों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर गाड़ी खड़ी करने की जगह तक नहीं है।

दून का सबसे बड़ा स्टैंड रिस्पना पुल के पास चलता है। इसमें करीब 263 टैक्सियां 24 स्टेशनों के लिए चलती हैं। यहां वर्षों से टैक्सी नदी किनारे पार्क की जाती आ रही हैं। हालांकि, इस बार बारिश के चलते यहां नदी किनारे पार्किंग बंद कर दी है। अब यहां संचालित मैक्सी कैब अजबपुर रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे खड़ी होती हैं। इसके बाद आइएसबीटी में दूसरा बड़ा स्टैंड है। यहां से मैदानी क्षेत्र के लिए प्रतिदिन 123 से ज्यादा टैक्सियां चलती हैं।

यह स्टैंड भी पूरी तरह से फ्लाईओवर के नीचे सड़क पर चलता है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर भी 100 से ज्यादा टैक्सी का संचालन होता है। यहां भी स्टैंड पूरी तरह से सड़क पर बना हुआ है। जो अक्सर रेलवे यात्रियों के लिए मुसीबत बना रहता है। बहरहाल राजधानी से संचालित टैक्सी-मैक्सी स्टैंड पर सरकार की अनदेखी न केवल सफर करने वाले यात्रियों, पर्यटकों को बल्कि यहां निवास करने वालों पर भी भारी पड़ रही है। इस व्यवस्था के प्रति सरकार ने गंभीर कदम न उठाए तो भविष्य में यह विकराल समस्या बन सकती है।

फुटपाथ के ऊपर स्टैंड 

सहारनपुर रोड के प्रिंस चौक, तहसील चौक, द्रोण होटल के पास टैक्सी स्टैंड पूरी तरह से फुटपाथ पर संचालित होता है। फुटपाथ पर टैक्सी और मैक्सी कैब लगाने के बाद यहां से सवारी उठाई जाती है। इससे अक्सर इन जगहों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। इसी तरह राजपुर रोड, आइएसबीटी में भी कई टैक्सी फुटपाथ के ऊपर स्टैंड बनाकर संचालित होती हैं।

अतिक्रमण पर छूट, टैक्सी पर जुर्माना 

टैक्सी यूनियन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि सड़क किनारे यदि टैक्सी पांच मिनट भी खड़ी दिखी तो पांच सौ रुपये का चालान कट जाता है। जबकि दूसरे अतिक्रमण पर न तो पुलिस और न ही नगर निगम कोई कार्रवाई करता है। टैक्सी संचालकों का अक्सर पुलिस से लेकर दूसरे विभाग उत्पीड़न करते हैं।

किसी के पास नहीं योजना

शहर को संवारने में जिला प्रशासन, पुलिस विभाग के अलावा नगर निगम, एमडीडीए, लोनिवि की अहम भूमिका रहती है। मगर, पब्लिक परिवहन से जुड़ी इस समस्या के प्रति कोई भी आगे आने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि टैक्सी स्टैंड पूरी तरह से मनमाफिक चल रहे हैं। अभी तक किसी ने भी इस समस्या के प्रति ध्यान आकर्षित तक नहीं किया है।

सी रविशंकर (जिलाधिकारी) का कहना है कि यह समस्या शहर के लिए विकट है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। प्रयोग के रूप में एक जगह से इसकी शुरुआत की जाएगी। संबंधित विभागों से भी जानकारी मांगी जाएगी। इसके बाद समस्या का समाधान किया जाएगा।

प्रमोद नौटियाल (अध्यक्ष दून गढ़वाल ट्रैकर जीप समिति रिस्पना) का कहना है कि सरकार को लाखों रुपये का टैक्स हर माह देते हैं। मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी तक को समस्या से अवगत कराया गया है। हजारों लोगों का रोजगार और लाखों लोग सुविधा का लाभ उठाते हैं। नगर निगम को हर माह ढाई लाख का टैक्स देते हैं। इसके बावजूद स्टैंड के लिए सुरक्षित स्थान नहीं है।

दून में संचालित टैक्सी-मैक्सी स्टैंड

नाम, स्थान, वाहनों की संख्या

-दून गढ़वाल ट्रैकर-जीप समिति, रिस्पना, 280

-दून टैक्सी यूनियन, आइएसबीटी, 123

-टैक्सी यूनियन, रेलवे स्टेशन, 110

-सूमो वेलफेयर एसोसिएशन, तहसील चौक, 19

-टैक्सी यूनियन, निकट होटल द्रोण, 30,

-दून सूमो वेलफेयर एसोसिएशन, परेड ग्राउंड, 19

-यमुना घाटी टैक्सी यूनियन, गांधी रोड, 20

-जौनपुर टैक्सी स्टैंड, राजपुर रोड, 12

-मसूरी टैक्सी यूनियन, घंटाघर, 23

-ऋषिकेश टैक्सी यूनियन, हरिद्वार रोड, 20

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