दिल्ली में अभी 3 दिन और रहेगी जहरीली धुंध, रविवार तक बंद रहेंगे सभी स्कूल
अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘इस आदेश के तहत दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल, सभी क्लासेज, रविवार तक बन्द रहेंगे।’
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र वायु प्रदूषण के इस साल के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। अधिकांश विशेषज्ञों ने इस धुंध को स्मॉग बताया है। हालांकि, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह वास्तव में धुंध है।
मौसम विभाग के मुताबिक, अगर हवा का बहाव बहुत तेज नहीं हुआ तो दिल्ली को कम से कम तीन दिनों तक इस भीषण प्रदूषण की मार झेलनी पड़ सकती है। बड़ी मात्रा में धूल, ह्यूमिडिटी ज्यादा होने और हवा का बहाव बेहद कम होने के कारण एयर क्वॉलिटी खराब हुई है।
इसके साथ ही एनजीटी ने कहा कि दिल्ली में इस वक्त इमरजेंसी की स्थिति है। ट्रिब्यूनल ने यूपी, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सरकार से बचाव के लिए क्या किया जा रहा है इस पर जवाब मांगा है। यह जवाब सरकारों को 9 नवंबर तक देना है।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए हेलीकॉप्टर से पानी के छिड़काव को लेकर दिल्ली सरकार को जवाब दिया है।
उन्होंने कहा है कि प्रदूषक तत्वों को कम करने के लिए सरकार को पानी छिड़काव के सस्ते माध्यमों के बारे में सोचना चाहिए। इस संबंध में उन्होंने कहा कि यदि हेलीकॉप्टर से पानी छिड़काव दिल्ली सरकार को सस्ता लगता है तो ऐसा करने के लिए वे पूरी तरह स्वतंत्र हैं।
गर्भवती महिलाओं और नौनिहालों के लिए यह खतरनाक स्थिति है। इसकी वजह यह है कि मां के पेट में बच्चा उसी के जरिए सांस लेता है। अगर मां ही प्रदूषण युक्त ऑक्सीजन ग्रहण करती है तो उस नन्हीं सी जान के लिए भी ये प्रदूषित ऑक्सीजन खतरा बन सकती है।
ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्री परेशान
कोहरे का असर ट्रेनों पर दिखने लगा है। ट्रेनें एक बार फिर घंटों देरी से चल रही हैं। पंजाब से दिल्ली आने वाली ट्रेनों का सबसे बुरा हाल है। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर कैट थ्री ट्रेनिंग वाले पायलट को ही विमान का संचालन करने का आदेश दे दिया गया है। ये वे पायलट होते हैं जो कम दृश्यता में भी विमानों को ऑटोमेटिक या मैन्यूअल लैंडिंग कराने में सक्षम होते है।
चार गुना से अधिक बढ़ा प्रदूषण का स्तर
दिल्ली में हवा में प्रदूषण का स्तर चार गुना से अधिक बढ़ गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 51-100 तक हो तो उसे अच्छा कहा जाता है, लेकिन इसके बाद ज्यों-ज्यों बढ़ता है मानव स्वास्थ्य के लिए घातक होता जाता है। मंगलवार शाम वायु गुणवत्ता सूचकांक 460 आंका गया।
इन आदेशों पर होता अमल तो शायद रुकता प्रदूषण
10 दिसंबर 2015 को वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एनजीटी ने याची विक्रांत तोंगड़ के मामले में फसल अवशेष जलाने पर अंकुश लगाने और किसानों के लिए पराली न जलाने के लिए व्यवस्था करने का आदेश दिया था। इस पर अमल नहीं हुआ। 2016 और 2017 में दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता बदतर होने में फसल अवशेष का बड़ा हाथ है।
51-100- अच्छा, स्वास्थ्य पर विपरीत असर नहीं,
101-150- कुछ प्रदूषित, आंखों में हल्की जलन, खुले में भागदौड़ से बचें,
151-200- प्रदूषित, घर से बाहर निकला कम करें, कोई खेल ना खेलें।
201-300- बेहद प्रदूषित, स्कूली बच्चों को खेल के मैदान में नहीं भेजें, साइकिल और जॉगिंग करना बंद कर दें। बाहर रहे तो फेफड़ों व हृदय पर हो सकता है असर,
300- अति प्रदूषित, घर से ज्यादा बाहर रहे तो फेफड़ों को नुकसान हो सकता है,
400- खतरनाक, घर के अंदर भी मास्क लगाकर रखें। शारीरिक श्रम से बचें।