दशहरे पर घोषित हुई तिथि और समय, नौ को केदारनाथ और 20 नवंबर को बंद होंगे बद्रीनाथ मंदिर के कपाट

दशहरे के मौके पर केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की दिन और समय घोषित कर दिया गया। आगामी नौ नवंबर को सुबह साढ़े आठ बजे पूरे विधिविधान के साथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। वहीं बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 20 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 21 मिनट पर बंद होंगे।दशहरे पर घोषित हुई तिथि और समय, नौ को केदारनाथ और 20 नवंबर को बंद होंगे बद्रीनाथ मंदिर के कपाट

द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम के कपाट 22 नवंबर को सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर और तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

दशहरे के मौके पर आज इन चारों धाम के कपाट बंद होने की तिथि और समय निर्धारित किया गया। सुबह पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मार्केण्डेय मंदिर मक्कूमठ में पूजा-अर्चना शुरू हुई। जिसके बाद पंचाग गणना के आधार पर समय व तिथि निर्धारित की गई। 

आज तय होगी बद्नीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि  

बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 20 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 21 मिनट पर बंद होंगे।

बद्रीनाथ मंदिर परिसर में पूर्वाह्न बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल सहित वेदपाठियों और हक-हकूकधारियों की उपस्थिति में पंचांग से शीतकाल के लिए बद्नीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि तय की गई।

इसके बाद आगामी वर्ष की तीर्थयात्रा में यात्रा व्यवस्थाओं के लिए मेहता और भंडारी थोक के हक-हकूकधारियों को पगड़ी (जिम्मेदारी) भेंट की गई।  

आज गोपीनाथ मंदिर में विराजेंगे रुद्रनाथ भगवान

पंचकेदारों में चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली बृहस्पतिवार को प्राचीन सकलेश्वर मंदिर पहुंची। इस दौरान सगर गांव में ग्रामीणों ने भगवान रुद्रनाथ का फूल-मालाओं से स्वागत किया और उन्हें नए अनाज का भोग लगाया। आज रुद्रनाथ भगवान गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। सगर गांव से 24 किलोमीटर की पैदल दूरी पर रुद्रनाथ मंदिर स्थित है।

बृहस्पतिवार को सुबह सात बजे रुद्रनाथ के कपाट बंद होने के बाद भगवान रुद्रनाथ की उत्सव विग्रह डोली भक्तों के साथ रात्रि प्रवास के लिए ल्वींठी बुग्याल पहुंची। रुद्रनाथ मंदिर के सदस्य देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि बृहस्पतिवार को सुबह दस बजे पूजा के बाद डोली ने सकलेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान किया और शाम पांच बजे डोली मंदिर में पहुंची। सगर गांव के ग्रामीणों ने रुद्रनाथ भगवान को नए अनाज का भोग लगाया। इस दौरान सकलेश्वर मंदिर के महात्मा स्वामी सुरेशानंद सरस्वती जी महाराज, युवक मंगल दल अध्यक्ष दीपक रावत, महेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह नेगी और नीमा देवी आदि मौजूद थे।

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