जेबकतरों के साथ जेल में गुजरी गायत्री की पहली रात
जेल प्रशासन ने किसी की भी गायत्री से मुलाकात कराने तक से इन्कार कर दिया। घंटों प्रयास के बाद भी मुलाकात न होने पर दिग्गज नेता उतरा हुआ चेहरा लेकर लौट गए। पुलिस टीम दोपहर लगभग सवा बारह बजे गायत्री को लेकर जेल पहुंची। पुलिस जीप के पीछे-पीछे गायत्री के करीबी और समर्थक लग्जरी कारों से गए। यहां समर्थकों ने गायत्री से मिलने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें धकिया दिया।
कुछ नेताओं ने जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिलाने के लिए सिफारिश भी की। एक व्यक्ति ने अपना परिचय पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निजी सचिव के रूप में दिया। करीब साढ़े बारह बजे गायत्री को जेल में दाखिल कराकर पुलिस लौट गई। भीतर जेल प्रशासन ने गायत्री की सघन तलाशी ली। पुलिस सूत्रों का यह भी कहना है कि तलाशी के दौरान गायत्री के कपड़े तक उतरवा दिए गए। गायत्री ने जेल अधिकारियों से हाथ जोड़कर मिन्नतें कीं पर तलाशी को जरूरी बताकर उसे चुप करा दिया गया।
हालांकि, अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। दोपहर करीब एक बजे जेल के नियमों के मुताबिक पूर्व मंत्री गायत्री को मुलाहिजा बैरक भेज दिया गया। यहां गायत्री अगले दस दिन तक एक आम बंदी की तरह रहेगा। उसके साथ जेबकतरी, चोरी, मारपीट, छिनैती के अलावा छोटे-मोटे अपराध में बंद 50 से ज्यादा गुंडे-बदमाश रहेंगे।
बैरक में घुसते ही पांचों ने गायत्री का स्वागत किया। हालांकि, गायत्री की हालत खराब थी और उसका चेहरा उतरा था। साथियों ने उसे हिम्मत बंधाई। सत्ता बदलने और राजनीतिक साजिश का खुलासा होने की बात कहकर उसे समझाया। पुलिस के पास मजबूत साक्ष्य न होने के चलते जल्द जमानत होने की बात भी कही। साथियों की बातों से गायत्री कुछ आश्वस्त हुआ। इस दौरान वह साथियों से जेल में ले-देकर सुविधाओं के बारे में पूछताछ करता रहा।