जानिए क्या हैं नेशनल वॉर मेमोरियल, जिसका PM मोदी ने किया उद्घाटन…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को इंडिया गेट पर बने देश पहले नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन करेंगे। 40 एकड़ में फैले इस मेमोरियल के निर्माण पर करीब 176 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यहां स्मारकों के साथ संग्रहालय भी बनाया गया है। दोनों के बीच एक सब-वे भी रखा है। इसके अलावा नेशनल वॉर मेमोरियल में दीवारों पर 25,942 शहीदों के नाम भी लिखे गए हैं।जानिए क्या हैं नेशनल वॉर मेमोरियल, जिसका PM मोदी ने किया उद्घाटन...

मेमोरियल के चारों ओर सफेद दूधिया लाइटें भी लगाई गई हैं। विजय चौक से इंडिया गेट और नेशनल वॉर मेमोरियल के दृश्य को देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि शहीदों की याद में स्मारक और संग्रहालय बनाने पर विचार सबसे पहले वर्ष 1968 में किया गया था। साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के कुछ ही माह बाद 2015 में इसे अंतिम अनुमति दी गई। इसके बाद से ही इंडिया गेट के पास इसका निर्माण शुरू किया गया।

दीवारों पर दिखेगी युद्ध से जुड़ी कलाकृतियां
मेमोरियल में कुछ दीवारों पर कुछ पुरानी तस्वीरें लगाई गई हैं। वहीं कुछ दीवारों पर युद्ध की कलाकृतियां देखने को मिलेंगी। सियाचिन सहित कारगिल के दौरान टाइगर हिल पर कब्जा इत्यादि लम्हें कैद करने वाली तस्वीरें भी देखने को मिलेंगी। नेशनल वॉर मेमोरियल काफी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इसलिए एक सुविधा फोन एप की भी रखी गई है। इस एप के जरिए शहीद का नाम टाइप करने पर उसका स्मारक कहां पर है, उसकी लोकेशन आपके फोन में पता चलेगी। मालूम हो कि प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए 84000 भारतीय जवानों की याद में अंग्रेज शासकों ने इंडिया गेट बनवाया था। बाद में 1971 के युद्ध में शहीद हुए 3843 सैनिकों के सम्मान में अमर जवान ज्योति बनाई गई थी।

ऐसा है शहीदों का मेमोरियल
. नेशनल वॉर मेमोरियल में चार चक्र बनाए गए हैं।
. जल, थल और वायु सेना के शहीदों के नाम एकसाथ।
. अमर चक्र पर 15.5 मीट ऊंचा स्मारक स्तंभ बना है, जिसमें अमर ज्योति जलेगी।
. वीरता चक्र में छह बड़े युद्धों के बारे में जानकारी दी है।
. त्याग चक्र में 2 मीटर लंबी दीवार पर 25,942 शहीदों के नाम।
. 690 पेड़ों के साथ सुरक्षा चक्र भी दिखेगा।
. हर शाम सैन्य बैंड के साथ शहीदों को सलामी दी जाएगी।
. इंडिया गेट की तरह मेमोरियल में भी होगी अमर ज्योति।
. पर्यटकों के लिए प्रवेश निशुल्क रहेगा।
. हर सप्ताह रविवार को चेंज ऑफ गार्ड सेरेमनी देखने का मौका।

ये रहेगा मेमोरियल के खुलने-बंद होने का समय
अप्रैल से अक्तूबर : सुबह 9 से शाम साढ़े 7 बजे तक।
नवंबर से मार्च तक : सुबह 9 से शाम साढ़े 6 बजे तक।

इन युद्धों में शहीद हुए सैनिकों की संख्या
. भारत-पाकिस्तान युद्ध 1947-48- 1,104
. गोवा मुक्ति आंदोलन 1961 –
. भारत-चीन युद्ध 1962 – 3,250
. भारत-पाकिस्तान युद्ध1965 – 3,264
. बांग्लादेश 1971 – 3,843
. सियाचिन 1987- 1,157
. करगिल 1999- 522
. सियाचिन 1984- 930
. ऑपरेशन रक्षक- 4,800

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