जाटों के गढ़ में वैश्यों और ब्राह्मणों को मनाने में जुटी भाजपा

यहां हो रहे उपचुनाव में सियासी घमासान चरम की ओर है और इसके साथ ही राजनीतिक दल अपने तरकश से एक के एक तीर आजमाने में लग गए है। इस चुनावी लड़ाई में तस्वीर धीरे-धीरे साफ होती दिख रही है। जाटलैंड जींद में भाजपा वैश्‍यों और ब्राह्मणों को मनाने में जुट गई है। इसके लिए उसने इन समुदायों के दिग्‍गज नेताओं को मैदान में उतार दिया है। दरअसल पूर्व विधायक डॉ. हरिचंद मिड्ढा के बेटे कृष्ण मिड्ढा पर भाजपा द्वारा लगाया गया दांव शहर के वैश्य समाज को रास नहीं आया। ब्राह्मण समाज में भी इस पर बहुत सकारात्‍मक संकेत नहीं मिले।जाटों के गढ़ में वैश्यों और ब्राह्मणों को मनाने में जुटी भाजपा

जींद शहर में वैश्‍यों में शुरुआत में विरोध और नाराजगी का जो लावा फूटा था, उसे अब ठंडा करने की मुहिम तेज हो चली है। पंजाबियों के बराबर ही शहर में प्रभाव रखने वाले वैश्य समाज को पार्टी के झंडे के तले लाने के लिए राज्‍य की मंत्री कविता जैन और विपुल गोयल जैसे भाजपा के दिग्गज जुट चुके हैं।

मोटे तौर पर वैश्य समुदाय को मनाने का जिम्मा सरकार ने बड़ी चतुराई से समाज के ही वरिष्ठ नेताओं को सौंपा हुआ है। जाट बाहुल्य इस सीट पर जाट मतों को अपनी तरफ खींचने की जिम्मेदारी पार्टी ने जहां जाट नेताओं बीरेंद्र सिंह, सुभाष बराला, कैप्टन अभिमन्यु और ओमप्रकाश धनखड़ को दी है, वहीं वैश्य बिरादरी के मतों को पार्टी के लिए एकजुट करने की जिम्मेदारी शहरी निकाय मंत्री कविता जैन, उद्योग मंत्री विपुल गोयल, सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन को सौंपी गई है। कविता जैन और उनके पति राजीव जैन ने शनिवार को पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्‍ता से भेंटकर वैश्‍यों को साधने की काेशिश की।

यही नहीं, सीएम के विशेष सचिव और जींद से टिकट के प्रबल दावेदार रहे राजेश गोयल भी अब नाराजगी छोड़ पूरे दम-खम से चुनाव प्रचार में जुट चुके हैं। गोयल पिछले करीब चार साल से जींद में काम कर रहे हैं और वह खुद के लिए पहले दिन से ही यहां ग्राउंड तैयार कर रहे थे। टिकट नहीं मिलने से वह नाराज थे, लेकिन पार्टी और संघ के दखल के बाद अब मान गए हैं। रोहतक के मेयर मनमोहन गोयल और करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता भी अपने प्रभाव के जरिए वैश्य समाज को मनाने में जुटी हैं।

मनमोहन गोयल स्वर्गीय सेठ श्रीकिशन दास के बेटे हैं। वैश्‍यों में उनके परिवार का पुराना रसूख रहा है और वह इसे भुनाने में जुट चुके हैं। कविता जैन तीन दिन पहले जींद में डेरा डाल चुकी हैं और उनके पति एवं सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने स्वर्णकारों और जैन समाज के लोगों के साथ मीटिंग कर उनकी नाराजगी दूर करने में अहम भूमिका निभाई है। चुनाव के आखिरी दौर में उद्योग मंत्री विपुल गोयल को मोर्चा थमा दिया जाएगा। विपुल गोयल एक-दो बार जींद का दौरा कर समाज के लोगों से मुलाकात कर चुके हैं और जल्द ही उन्हें फिर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

गैर जाट मतों में पिछड़ी बिरादरी के मतों को साधने की जिम्मेदारी राज्य मंत्री कृष्ण बेदी, परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार, दलित नेता रामचंद्र जांगड़ा, यमुनानगर के मेयर मदन चौहान और माटी कला बोर्ड के चेयरमैन कर्ण सिंह रानौलिया को सौंपी गई है। जींद विधानसभा सीट पर ब्राह्मणों का वोट भी काफी प्रभाव रखता है। भाजपा के बागी सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र रक्षा पार्टी से विनोद आसरी चुनाव मैदान में हैं। आसरी ब्राह्मण हैं इसलिए यहां का ब्राह्मण मतदाता अभी असमंजस में है।

अमूमन सत्ता के साथ चलने वाले मतदाता का असमंजस दूर करने के लिए भाजपा के ब्राह्मण रणनीतिकारों ने सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक, शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा को चुनाव मैदान में उतार दिया है। रमेश कौशिक को भाजपा शुरू में यहां से विधानसभा का टिकट देना चाहती थी, लेकिन उन्हें चुनाव लड़ने की बजाय लड़वाने में लगाया गया है।

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