छत्रपति हत्याकांडः गुरमीत राम रहीम समेत चार दोषियों को सुनाई गई उम्र कैद की सजा

चंडीगढ़। पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम समेत चार दोषियों को आज उम्र कैद की सजा सुनाई गयी, पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही हुई। 16 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने मर्डर केस में 11 जनवरी को राम रहीम, कृष्ण लाल, निर्मल सिंह और कुलदीप सिंह को दोषी करार दिया है। मामले की संवेदनशीलता व प्रदेश में सुरक्षा व कानून व्यवस्था को देखते हुए सजा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनाई गयी। इसे लेकर हरियाणा सरकार ने याचिका लगाई थी, जिसे मंजूर करते हुए बुधवार 16 जनवरी को सीबीआई की विशेष कोर्ट ने वीसी के जरिए पेशी कराने के आदेश जारी किए।
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साध्वियों का यौन शोषण करने संबंधी चिट्ठी पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के मर्डर का कारण बनी थी। छत्रपति ने अपने सांध्य कालीन समाचार पत्र पूरा सच में वह पत्र प्रकाशित किया था। अखबार में छपी इस खबर के प्रकाशित होने के बाद राम रहीम के लोग पत्रकार को धमकियां देने लगे थे। लेकिन पत्रकार निर्भीक होकर राम रहीम के खिलाफ लिखते रहे। 24 अक्टूबर 2002 को तीन लोगों ने छत्रपति पर हमला करके उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया था। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में रामचंद्र छत्रपति जिंदगी की लड़ाई हार गए, लेकिन उनके बेटे अंशुल छत्रपति ने हार नहीं मानी।
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करीब 16 साल केस की सुनवाई पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में चली। 31 जुलाई 2007 के चार्जशीट दाखिल की गई। 12 दिसंबर 2008 को सभी आरोपियों पर आरोप तय किए गए। अभियोजन पक्ष की ओर से 46 और बचाव पक्ष की ओर से 21 गवाह पेश किए गए। 2 जनवरी 2019 को केस में बहस पूरी हुई। 11 जनवरी 2019 को चारों आरोपियों को दोषी करार दे दिया गया। हत्या के चश्मदीद गवाह रामचंद्र के बेटे अंशुल और अदिरमन थे। जिन्होंने कोर्ट में आंखों देखी बयां की थी। इसके अलावा हत्या के षड्यंत्र के बारे में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह ने गवाही दी। डॉक्टरों की भी गवाही हुई थी।
करीब 16 साल केस की सुनवाई पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में चली। 31 जुलाई 2007 के चार्जशीट दाखिल की गई। 12 दिसंबर 2008 को सभी आरोपियों पर आरोप तय किए गए। अभियोजन पक्ष की ओर से 46 और बचाव पक्ष की ओर से 21 गवाह पेश किए गए। 2 जनवरी 2019 को केस में बहस पूरी हुई।

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